दूल्हा रूप में भगवान जगन्नाथजी।
जगन्नाथजी मेला महोत्सव के तहत सोमवार को भर मेला रहा। इस दिन जिले भर में सरकारी अवकाश भी रहे। रूपबास में दिन भी मेले में भक्तों की रेलमपेल रही। जैसे-जैसे शाम होती गई मेले की रौनक कई गुना बढ़ गई। हर साल की तरह हजारों की संख्या में गांवों के भक्त पहुंचे।
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रूपबास मेले में हजारों की संख्या में भक्त पहुंच रहे। सोमवार को भर मेले में सुबह से भीड़ रही।
पंडित देवेंद्र शर्मा ने बताया कि जगन्नाथजी महोत्सव परवान पर है। भर मेले के दिन सुबह से रूपबास में हजारों भक्त आना शुरू हो गए थे। रात को वर माला के कार्यक्रम में भक्तों की भीड़ नहीं टूटी। दोनों के दर्शन करने का हजारों भक्तों को सौभाग्य मिला। सोमवार सुबह से मेले में गांवों के भक्त आना शुरू हो गए थे। मेले में आसपास के जिलों के अलावा हरियाणाव दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों के भक्त भी आते हैं। मेले में दुकानें पर खूब खरीददारी भी होती है। झूलों का आकर्षण होता। वहीं सबसे अधिक दूल्हे बने जगन्नाथजी और माता जानकारी के दर्शन करने आनंद मिलता है। 4 जुलाई को भगवान जगन्नाथजी दूल्हा बनकर बारात लेकर पूराना कटला वाले जगन्नाथजी मंदिर से निकले थे। रात भर शहर में मेले का माहौल रहा। जगन्नाथजी के दर्शन करने के लिए हर कदम पर भीड़ तड़के 4 बजे तक डंटी रही।

रूपबास मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए।
अब 8 जुलाई का भगवान जगन्नाथजी माता जानकारी के साथ एक ही रथ में विराजित होकर निकलेंगे। रूपबास में भगवान जगन्नाथ व माता जानकी का विवाह हो गया। वर महोत्सव पर बड़ी भीड़ रहती है। अब सबसे अधिक आकर्षक दोनों इंद्र विमान से वापस निकलेगी। शाम करीब साढ़े 6 बजे मंदिर से रवाना होंगे। हर जगह पुष्प वर्षा होगी। दोनों के नाम के जयकारों की गूंज रहेगी। पूरा शहर मेले में तब्दील हो जाता। अभी कटला में बूढ़े जगन्नाथजी के दर्शन हो रहे हैं।