PIL Against Land Pooling Policy ; Punjab Haryana High Court | लैंड पूलिंग पॉलिसी के खिलाफ हाईकोर्ट में PIL दाखिल: मामले पर सुनवाई जल्द; आरोप- उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण होगा – Mohali News

Actionpunjab
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पंजाब सरकार द्वारा हाल ही में अधिसूचित की गई लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर अब कानूनी चुनौती सामने आ गई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर इस नीति को रद्द करने की मांग की गई है। हाईकोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और मामले मे

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याचिका में आरोप लगाया गया है कि यह नीति न तो पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों का मूल्यांकन करती है, न ही न्यायसंगत मुआवज़ा सुनिश्चित करती है और न ही प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और कानूनी संरक्षण के प्रावधानों का पालन करती है।

यह याचिका ऐसे समय में दाखिल की गई है जब किसान संगठनों और विपक्षी पार्टियों की ओर से इस नीति का पहले ही जबरदस्त विरोध किया जा रहा है। याचिकाकर्ता नविंदर पीके सिंह और समित कौर ने यह याचिका वकीलों साहिर सिंह विरक और वी.बी. गोदारा के माध्यम से दायर की है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट।

याचिका में आरोप- उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण करना

याचिका में कहा गया है कि पंजाब सरकार की 4 जुलाई 2024 की अधिसूचना का मकसद मुख्य रूप से लुधियाना और मोहाली की उपजाऊ, बहुफसली कृषि भूमि का अधिग्रहण करना है। इसमें आरोप लगाया गया है कि लुधियाना जिले के 50 से अधिक गांवों की 24,000 एकड़ से अधिक भूमि को ‘शहरीकरण और विकास’ के नाम पर एक्वायर किया जा रहा है, जबकि 21,000 एकड़ अतिरिक्त भूमि को औद्योगिक विस्तार के लिए अलग रखा गया है।

राष्ट्र खाद्य सुरक्षा के लिए भी खतरा

याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि इस नीति के जरिये पंजाब की उपजाऊ कृषि भूमि को निशाना बनाया जा रहा है। यह वही जमीन है जो न सिर्फ हजारों किसानों की जीविका का स्रोत है, बल्कि उस राज्य में स्थित है जिसे देश का ‘अन्न भंडार’ कहा जाता है। ऐसे में इस जमीन का शहरी और औद्योगिक परियोजनाओं के लिए अधिग्रहण करना न केवल किसानों के हितों के खिलाफ है, बल्कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा है।

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