Two friends from Rewari died Jhajjar road accident crime update | झज्जर में रेवाड़ी के दो दोस्तों की मौत: इको गाड़ी ने बाइक को सामने से टक्कर मारी थी, विनय परिवार का इकलौता बेटा था – Jhajjar News

Actionpunjab
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झज्जर जिले से गुजर रहे रेवाड़ी जिले के एक ही गांव के दो दोस्तों की एक्सीडेंट में मौत हो गई। हादसा बीती दिन शनिवार की शाम को हुआ था। झज्जर शहर से सटे गांव के पास सामने से आ रही इको गाड़ी ने युवकों की बाइक में टक्कर मार दी। जिसके कारण एक युवक की मौके पर

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बीते दिन शनिवार की शाम को हुए एक्सीडेंट में बाइक सवार मृतकों की पहचान सत्यम और विनय के रूप में हुई है जो कि रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा गांव के रहने वाले थे। मृतक युवक किसी निजी काम से रोहतक गए हुए थे। वहीं वापस लौटते समय झज्जर के पास गुढ़ा गांव में उनका एक्सीडेंट हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को नागरिक अस्पताल झज्जर ले जाया गया। वहीं हादसा होने के बाद ईको ड्राइवर मौके से फरार हो गया।

एक की मौके पर तो दूसरे ने पीजीआई में तोड़ा दम

वहीं डॉक्टर ने 20 वर्षीय विनय को मृत घोषित कर दिया और घायल सत्यम की हालत नाजुक देखते हुए उसे रोहतक पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया था। जिसने ईलाज के दौरान पीजीआई में दम तोड़ दिया। पुलिस ने मृतक युवक विनय के फूफा सुभाष की शिकायत पर ईको गाड़ी ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

झज्जर नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद परिजन।

झज्जर नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद परिजन।

इको बाइक की आमने सामने टक्कर

दरअसल रेवाड़ी जिले के गांव धारूहेड़ा निवासी दो दोस्त सत्यम और विनय बाइक पर सवार होकर अपने गांव की की ओर जा रहे थे। दोनों दोस्त रोहतक की तरफ से झज्जर के गुढ़ा गांव के पास पहुंचे तो वहीं झज्जर की ओर से जा रही इको गाड़ी ने सामने से टक्कर मार दी। जिसके कारण दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वहीं विनय को नागरिक अस्पताल झज्जर के डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया और घायल सत्यम को पीजीआई रेफर कर दिया था। वहीं सत्यम ने भी इलाज के दौरान रोहतक पीजीआई में दम तोड़ दिया है। पुलिस जांच अधिकारी रविंद्र ने बताया कि मृतक विनय के फूफा सुभाष की शिकायत पर इको ड्राइवर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

10 महीने की उम्र में उठ गया था पिता का साया

मृतक विनय के घर में अब सिर्फ उनकी दादी रूपवती ही जीवित बची हैं। मृतक विनय 20 साल का ही हुआ था, उसके पिता संजय की विनय के जन्म के 10 महीने बाद ही पीलिया की बीमारी के कारण मौत हो गई थी। वहीं उसकी मां पिता की मौत की तेरहवीं के बाद ही उसे दादी के पास छोड़कर चली गई थी।

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