सिरसा पुलिस की गिरफ्त में फर्जी डिग्री मामले में पकड़ा गया गाजियाबाद निवासी विकास।
सिरसा जिले में लंबे समय से चल रहे फर्जी डिग्री रैकेट का खुलासा हुआ है। बिना एडमिशन और बिना परीक्षा दिए बीए की फर्जी डिग्रियां 30-30 हजार रुपए में बनाई जा रही थीं। इस नेटवर्क का शिकार कई युवा बन चुके हैं, जिनमें से कुछ ने इन फर्जी डिग्रियों के आधार पर
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पुलिस ने इस मामले में दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट से जुड़े रैकेट संचालक विकास शर्मा को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। जिसे अब पुलिस दिल्ली लेकर गई है। आरोपी यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला है।
सिटी थाना से एसआई चरणजीत सिंह ने बताया कि 12 नवंबर 2024 को सीएम फ्लाइंग हिसार की टीम की शिकायत पर केस दर्ज किया था। शिकायत में राजकीय कन्या कॉलेज रानियां से प्राचार्य डॉक्टर बंता सिंह भोला के बयान पर धारा 318(4), 336(3), 338, 340 BNS थाना शहर सिरसा में दर्ज हुआ था।
फर्जी कागजात हुए थे बरामद
एसआई चरणजीत सिंह के मुताबिक, सीएम फ्लाइंग टीम को छापेमारी में कई विश्वविद्यालयों के नाम पर जारी फर्जी प्रमाण पत्र, डीएमसी, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 8 रबर स्टाम्प और खाली फॉर्मेट बरामद हुए थे।
जांच में सामने आया कि संस्थान युवाओं से मोटी रकम लेकर बिना परीक्षा दिए फर्जी डिग्रियां उपलब्ध करवाता था। मौके पर आए छात्र मुकेश कुमार ने स्वीकार किया था कि उसने 30 हजार रुपए में बीए की डीएमसी खरीदी और उसी आधार पर दाखिला लिया।
दिल्ली में बनाई जाती थी फर्जी डिग्रियां
आरोपी विकास शर्मा पहले से ही किसी अन्य केस में जेल में बंद था। पूछताछ में विकास ने दिल्ली स्थित प्रिंटिंग प्रेस और RIOS कार्यालय की निशानदेही करवाई, जहां से फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किए जाते थे।
अब आरोपी काे 2 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। इस दौरान पुलिस रिमांड में आरोपी से गहनता से पूछताछ कर इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में पता लगाया जाएगा।