Rajnath Singh Update; Shubhanshu Shukla | IAF Space Conference | राजनाथ बोले- शुभांशु शुक्ला बजरंग बली के भक्त: स्पेस में हनुमान चालीसा पढ़ी होगी; एस्ट्रोनॉट बोले- अंतरिक्ष से भारत देखना सबसे खूबसूरत नजारों में एक

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नई दिल्ली2 मिनट पहले

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में गगनयात्रियों, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन पी वी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित किया। - Dainik Bhaskar

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली में गगनयात्रियों, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन पी वी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित किया।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इंडियन एयरफोर्स स्पेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और उनके अन्य सहयोगियों, ग्रुप कैप्टन पी वी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित किया। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह भी मौजूद रहे।

राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘मुझे बताया गया कि आप (शुभांशु शुक्ला) भी बजरंग बली के भक्त हैं। आपने वहां (अंतरिक्ष में) कई बार हनुमान चालीसा पढ़ी होगी। हनुमान जी का एक भक्त आसमान की ऊंचाइयों को छूकर लौटा है। यह सिर्फ विज्ञान की जीत नहीं है। यह विश्वास और साहस की गूंज है।’

वहीं, शुभांशु शुक्ला ने कहा, ‘मेरे पास क्लिप है, जिसमें मैंने स्पेस से भारत को कैप्चर करने की कोशिश की थी। स्पेस से भारत वाकई बहुत खूबसूरत दिखता है। खासकर रात के समय हिंद महासागर के ऊपर साउथ से नॉर्थ की तरफ आते समय, जब भारत के ऊपर से गुजरते हैं तो वह जीवन में देखे जाने वाले सबसे खूबसूरत नजारों में से एक होता है।’

शुभांशु शुक्ला Axiom‑4 मिशन के तहत 18 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने के बाद 15 जुलाई 2025 को धरती पर सुरक्षित लौटे थे। इसके बाद, 17 अगस्त को भारत पहुंचे थे। 18 अगस्त को PM मोदी ने उनसे मुलाकात की थी।

शुभांशु ने PM मोदी को स्पेस की तस्वीरें दिखाईं

शुभांशु ने पीएम मोदी को एक्सिओम-4 मिशन का मिशन पैच और तिरंगा भेंट किया, जिसे वे अपने साथ अंतरिक्ष स्टेशन ले गए थे।

शुभांशु ने पीएम मोदी को एक्सिओम-4 मिशन का मिशन पैच और तिरंगा भेंट किया, जिसे वे अपने साथ अंतरिक्ष स्टेशन ले गए थे।

PM मोदी ने 18 अगस्त को एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला से दिल्ली में मुलाकात की थी। PM मोदी ने शुभांशु से हाथ मिलाया और गले लगा लिया। उन्हें पीठ थपथपाते हुए शाबाशी भी दी। शुभांशु ने टैबलेट पर उन्हें अंतरिक्ष के सफर की तस्वीरें दिखाईं। मोदी के साथ शुभांशु की ये मुलाकात करीब 20 मिनट चली।

लोकसभा में अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर विशेष चर्चा

शुभांशु किसी दल के नहीं, विपक्ष अंतरिक्ष से नाराज हैं: केंद्रीय मंत्री

लोकसभा की 2 बजे की कार्यवाही में एस्ट्रोनॉट शुभांशु पर चर्चा शुरू हुई। लोकसभा में स्पीकर ओम बिड़ला ने दोपहर 2 बजे अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला पर विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- मुझे यह देखकर पीड़ा हो रही है कि ऐसे वक्त में जब देश में जश्न का माहौल है, देशवासी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं, अंतरिक्ष में भारत के कदम का जश्न मना रहे हैं, विपक्ष इस पर बोल भी नहीं पा रहा है।

उन्होंने कहा- आपकी नाराजगी सरकार से हो सकती है, एस्ट्रोनॉट से कैसे हो सकती है? शुभांशु एयरफोर्स के सिपाही हैं, किसी राजनीतिक दल से ताल्लुक नहीं है। आप धरती से भी नाराज हैं, आकाश से भी नाराज हैं और आज अंतरिक्ष से भी नाराज हैं।

एक डॉक्टर होने के नाते ये मनोस्थिति समझ सकता हूं, ये नाराजगी तब होती है, जब आदमी हताश होता है। ये नाराजगी किसी से नहीं अपने आप से होती है। विपक्ष खुद से हताश है। विपक्ष समेत सभी से अपील करूंगा कि अंतरिक्ष यात्रियों के लिए तो चर्चा कर लें। पढ़ें पूरी खबर…

लोकसभा की कार्रवाई शुरू होने से पहले विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया था।

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शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन में 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे थे।

शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन में 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे थे।

41 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में गया अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो के बीच हुए एग्रीमेंट के तहत भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को एक्सियम मिशन-4 के लिए चुना गया था। शुभांशु इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। इससे 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा। ये भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है। इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है। भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं।

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