38 मिनट पहले
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फिल्ममेकर पहलाज निहलानी ने हाल ही में एक पुराने किस्से को याद किया। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा था जब माधुरी दीक्षित ने इंडस्ट्री में नए-नए आए गोविंदा के साथ फिल्म करने से इनकार कर दिया था।
निहलानी ने कहा कि उस समय माधुरी फिल्म इंडस्ट्री में अपने पांव जमाने की कोशिश कर रही थीं और उनका यह फैसला उनके सेक्रेटरी रिक्कू राकेश नाथ के कारण लिया गया था।
पिंकविला से बात करते हुए निहलानी ने बताया कि उन्हें लगता है कि रिक्कू ने माधुरी को यह समझाया कि गोविंदा के साथ काम करना सही फैसला नहीं होगा। गोविंदा के लिए यह केवल दूसरी फिल्म होती।

रिक्कू राकेश नाथ लगभग तीन दशकों तक माधुरी दीक्षित के मैनेजर रहे थे।
निहलानी ने यह भी कहा, “मैंने गोविंदा से रिक्कू राकेश नाथ के जरिए मुलाकात की। मैंने केवल रिक्कू को माधुरी दीक्षित का मैनेजर बनाने की सलाह दी। मैंने गोविंदा को माधुरी के साथ साइन किया और रिक्कू को सेक्रेटरी बनाया। बाद में रिक्कू और 8-10 प्रोड्यूसर्स ने गोविंदा के खिलाफ एक ग्रुप बना दिया। उन्होंने स्क्रीनप्ले में कई पेज जोड़ दिए, लेकिन उन फिल्मों में से कोई भी बनी नहीं।”
बता दें कि उस फिल्म का नाम था ‘इल्जाम’, जिसे माधुरी ने रिजेक्ट कर दिया था। उनकी जगह नीलम कोठारी को लिया गया, जिन्होंने फिल्म के सफल होने के बाद स्टारडम हासिल किया।

बाद में माधुरी और गोविंदा ने ‘महासंग्राम’, ‘इज्जतदार’ और ‘पाप का अंत’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया।
निहलानी ने बताया, “मैंने माधुरी को नीलम से रिप्लेस कर दिया था। मैंने माधुरी को दूसरी फिल्म ‘आग ही आग’ ऑफर की, लेकिन जो फिल्में माधुरी कर रही थीं, वे बंद हो जाती थीं। फिर मैंने ‘आग ही आग’ में भी नीलम को कास्ट किया। इसके बाद ‘पाप की दुनिया’ में भी नीलम थीं।”
निहलानी ने माधुरी के बार-बार फिल्मों को रिजेक्ट करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “माधुरी जो भी फिल्म मैं लाता, वह रिजेक्ट कर देती थीं। रिक्कू हमेशा बहाने बनाते थे। मैंने इंटरव्यू में उन्हें जवाब दिया। माधुरी की फिल्में या तो बंद हो रही थीं या फ्लॉप घोषित हो रही थीं, लेकिन मेरी तीनों फिल्में एक साथ गोल्डन जुबली हुईं।”