बूंदी के प्रभारी मंत्री एवं ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों को मुआवजा जल्द देने के निर्देश दिए।
बूंदी के प्रभारी मंत्री एवं ऊर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने जिले में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि प्रभावितों तक राहत पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिक
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मंत्री ने जिले में हुई मानसूनी वर्षा के आंकड़ों की समीक्षा की। आकाशीय बिजली गिरने और पानी में डूबने से हुई मौतों पर उन्होंने दुख जताया। मृतकों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने के निर्देश दिए।
बारिश से क्षतिग्रस्त सरकारी भवनों की मरम्मत पर भी चर्चा हुई। स्कूल, अस्पताल और आंगनबाड़ी केंद्रों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रभारी मंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि मरम्मत कार्य जल्द पूरा किया जाए।
सभी विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिए गए। यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि राहत का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। एसडीआरएफ के नियमों के तहत विभिन्न विभागों से प्राप्त मरम्मत प्रस्तावों की भी समीक्षा की गई।
बैठक में जिला प्रभारी सचिव कुंजीलाल मीणा, जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर, नगर परिषद सभापति सरोज अग्रवाल, जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा, नैनवां प्रधान पदम नागर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहें। किसानों की पीड़ा को समझते हुए, प्रभारी मंत्री ने बैठक का मुख्य फोकस फसल खराबे पर रखा।
उन्होंने कृषि विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार खराब हुई फसलों की गिरदावरी का कार्य अविलंब पूरा करवाया जाएं। उन्होंने कहा, “किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इस आपदा की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। यह सुनिश्चित करें कि गिरदावरी पूरी पारदर्शिता के साथ और समय पर हों, ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा और फसल बीमा का लाभ दिलाया जा सकें।”
बैठक में जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा ने प्रभारी मंत्री को जिले की समग्र स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं। जिला कलक्टर ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल, भोजन, पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई हैं। उन्होंने एसडीआरएफ के तहत प्राप्त विभिन्न प्रस्तावों और उन पर की जा रही कार्यवाही का भी विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत किया।