काठमांडू11 मिनट पहले
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नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आंदोलन का आज तीसरा दिन है। हिंसक प्रदर्शन रोकने के लिए सेना ने मंगलवार रात 10 बजे से पूरे देश का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है।
नेपाली सेना ने कहा कि मुश्किल समय का फायदा उठाकर कुछ उपद्रवी आम लोगों और सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लूटपाट और आग लगाने जैसी हरकतें हो रही हैं। ऐसी गतिविधियां बंद कर दें।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देखते हुए केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर काठमांडू छोड़ दिया है। इससे पहले आंदोलनकारियों ने केपी ओली के निजी घर, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में आग लगा दी।
राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में झड़पों और आगजनी में अब तक 22 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हैं।

प्रधानमंत्री ओली के घर में मंगलवार को आग लगा दी। इसके बाद धुएं का गुबार उठता नजर आया।

राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के निवास (शीतल भवन) में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को आग लगा दी।

सुरक्षा बलों ने पीएम ओली को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित जगह पर शिफ्ट कर दिया। उन्हें कहां ले जाया गया है, इसकी जानकारी नहीं है
3 पूर्व प्रधानमंत्रियों के घर जलाए
आंदोलनकारियों ने कल नेपाल के 3 प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, झालानाथ खलान और पुष्प कमल दहल प्रचंड के घर में आग लगा दी।
पूर्व पीएम झालानाथ खनाल के घर में आग लगाने से उनकी पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार गंभीर रूप से जल गईं। उन्हें तुरंत कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को उनके घर में घुसकर पीटा, जबकि वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में उनके घर के पास दौड़ा-दौड़ाकर मारा।

प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के पूर्व पीएम झालानाथ खनाल के घर में आग लगा दी। इसमें उनकी पत्नी गंभीर रूप से झुलस गईं। बाद में उनकी मौत हो गई।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी विदेश मंत्री आरजू राणा को उनके घर में घुसकर पीटा।

पूर्व पीएम कमल दहल प्रचंड के घर पर हमला करते प्रदर्शनकारी।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उनके सीने पर लात मारी। (वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।)
नेपाल आंदोलन से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…
लाइव अपडेट्स
11 मिनट पहले
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सेना बोली- कुछ समूह इस प्रदर्शन का फायदा उठा रहे
नेपाल सेना के जनसंपर्क निदेशालय ने बयान जारी कर कहा कि कुछ समूह इस प्रदर्शन का फायदा उठाकर आम नागरिकों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सेना ने चेतावनी दी कि अगर ऐसी गतिविधियां जारी रहीं, तो नेपाल सेना सहित सभी सुरक्षा तंत्र हिंसा रोकने के लिए तैनात किए जाएंगे। सेना ने नागरिकों से सहयोग की अपील की और विनाशकारी गतिविधियों में शामिल न होने की सलाह दी।
15 मिनट पहले
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सेना ने पीएम ऑफिस से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा
नेपाल की सेना ने पीएम ऑफिस यानी सिंहदरबार और सरकार के मुख्य सचिवालय भवन पर कब्जा कर लिया। यहां प्रदर्शनकारियों ने इमारतों में आग लगा दी थी।
सेना ने प्रदर्शनकारियों को हटाकर वहां नियंत्रण स्थापित किया। इसके अलावा, पशुपतिनाथ मंदिर के दरवाजों को तोड़ने की कोशिश करने वाले प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए भी सेना ने हस्तक्षेप किया।
नेपाल सेना ने मंगलवार रात 10 बजे से सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में लेने की घोषणा की।

नेपाली सेना ने सड़कों पर सैनिकों को बड़े पैमाने पर तैनात कर दिया है।
27 मिनट पहले
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काठमांडू एयरपोर्ट पर सेना का कब्जा, कई उड़ानें रद्द
नेपाल में मंगलवार को हिंसक प्रदर्शनों के बाद सेना ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया। एयरपोर्ट ऑथोरिटी के मुताबिक प्रदर्शनों के कारण नेपाल के सभी हवाईअड्डे बुधवार दोपहर 12 बजे तक बंद रहेंगे। बढ़ती अशांति के बाद मंगलवार दोपहर 2 बजे से सभी उड़ानें निलंबित कर दी गईं थी। मंगलवार दोपहर से उड़ानें रोक दिए जाने से सैकड़ों यात्री नेपाल और विदेशों में फंस गए हैं।
वहीं, एयर इंडिया ने दिल्ली-काठमांडू के बीच चलने वाली अपनी छह में से चार उड़ानें रद्द कर दीं। इंडिगो और नेपाल एयरलाइंस ने भी अपनी उड़ानें रद्द कीं।

प्रदर्शनकारियों ने एयरपोर्ट के बाहर आगजनी की।
37 मिनट पहले
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नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर का गेट तोड़ने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में जारी प्रदर्शनों के बीच मंगलवार शाम कुछ लोगों ने पशुपतिनाथ मंदिर का गेट तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद नेपाली सेना को मंदिर के इलाके में तैनात कर दिया गया। सेना के प्रवक्ता राजाराम ने पुष्टि की कि सैनिकों को भेजा गया है ताकि स्थिति काबू में रहे।
आंदोलन के नेताओं ने कहा कि उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में कुछ घुसपैठिए घुस आए थे। इन नेताओं ने कहा कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं। प्रदर्शनकारियों से अपील की गई है कि आगजनी या सार्वजनिक संपत्ति पर हमला न करें।
39 मिनट पहले
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नेपाल में सोशल मीडिया बैन समेत 6 बड़ी वजहों से आंदोलन तेज

41 मिनट पहले
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मोदी ने नेपाल हिंसा पर केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की
नेपाल के हालात पर पीएम मोदी ने कल रात केंद्रीय सुरक्षा समिति की बैठक की। इससे पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को नेपाल जाने से बचने की सलाह दी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जब तक हालात नॉर्मल न हो जाए, नेपाल जाने से बचें। जो भारतीय नागरिक अभी नेपाल में हैं, उन्हें अपने मौजूदा ठिकाने पर ही रहना चाहिए। सड़कों पर न निकलें और पूरी सावधानी बरतें। साथ ही, नेपाल की लोकल अथॉरिटीज और काठमांडू में भारतीय दूतावास की सलाह का पालन करें।
अगर किसी मदद की जरूरत हो, तो काठमांडू में भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें: +977–9808602881, +977–9810326134
42 मिनट पहले
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सरकार ने 3 सितंबर को सोशल मीडिया बैन किया था
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला किया था।
इन प्लेटफॉर्म ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। इसके लिए मंत्रालय ने 28 अगस्त को आदेश जारी कर 7 दिन का समय दिया था, यह समय सीमा 2 सितंबर को खत्म हो गई।
43 मिनट पहले
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नेपाल में सोशल मीडिया बंद क्यों हुआ?
नेपाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 7 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया था। सरकार का तर्क था कि रजिस्ट्रेशन के बिना ये प्लेटफॉर्म्स देश में फेक ID, हेट स्पीच, साइबर क्राइम और गलत सूचनाएं फैलाने के लिए इस्तेमाल हो रहे थे।
तय समय सीमा के भीतर रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया था। इसमें व्हाट्सअप, फेसबुक, यूट्यूब जैसे बड़े प्लेटफॉर्म थे। टिकटॉक, वाइबर जैसे प्लेटफॉर्म पर बैन नहीं लगा, क्योंकि उन्होंने समय पर रजिस्ट्रेशन करा लिया था।
43 मिनट पहले
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नेपाल में लगभग हर साल बदली सरकार

45 मिनट पहले
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यूट्यूब जैसी 26 कंपनियां रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं करा सकीं
नियमों के मुताबिक हर कंपनी को नेपाल में लोकल ऑफिस रखना, गलत कंटेंट हटाने के लिए लोकल अधिकारी नियुक्त करना और कानूनी नोटिसों का जवाब देना जरूरी कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार के साथ यूजर डेटा शेयर करने के नियम भी मानना जरूरी कर दिया गया।
कंपनियों को डेटा-प्राइवेसी और अभिव्यक्ति की आजादी के मामले में ये शर्तें बहुत सख्त लग रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत या यूरोप जैसे बड़े देशों में कंपनियां लोकल प्रतिनिधि रख लेती हैं, क्योंकि वहां यूजर बहुत ज्यादा हैं। नेपाल का यूजर बेस छोटा है, इसलिए कंपनियों को यह बेहद खर्चीला लगा।
अगर कंपनियां नेपाली सरकार की यह शर्त मान लेती हैं, तो उन पर अन्य छोटे देशों में भी इन नियमों को पालन करने का दबाव पड़ता, जो काफी खर्चीला है। यही वजह रही कि पश्चिमी कंपनियों ने नेपाल सरकार की शर्त नहीं मानी और तय समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
45 मिनट पहले
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5 साल में भारत के 3 पड़ोसी देशों में तख्तापलट हुआ


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नेपाल हिंसा से जुड़ी कल की खबर पढ़ें…
नेपाल हिंसा- पूर्व पीएम की पत्नी को जिंदा जलाया, मौत:PM ओली का इस्तीफा, संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, सुरक्षाबलों के हथियार लूटे

नेपाल में हिंसक प्रदर्शनों से हालात बिगड़ गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद, पीएम, राष्ट्रपति के निजी आवास में आग लगा दी और सुरक्षा बलों से उनके हथियार छीन लिए। उन्होंने 3 पूर्व पीएम के घर पर हमला भी किया। पूर्व पीएम झालानाथ खनाल के घर में आग लगा दी। इसमें उनकी पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार गंभीर रूप से जल गईं। उन्हें तुरंत कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। यहां पढ़ें पूरी खबर…