Trump Tariff VS Rajasthan Gem and Jewellery Industry | Job Crisis | टैरिफ से राजस्थान ज्वेलरी इंडस्ट्री को 2500 करोड़ का नुकसान: पुराने ऑर्डर कैंसिल, नए मिल नहीं रहे, डायमंड व्यापार 70% प्रभावित, हजारों कारीगर बेरोजगार – Rajasthan News

Actionpunjab
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अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ की मार राजस्थान की जेम एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री पर नजर आ रही है। कलर्ड जेमस्टोन्स के सबसे बड़े केंद्र जयपुर में हजारों कारीगरों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

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कारोबारियों की मानें तो दिवाली सीजन पर 2500 करोड़ का सीधा नुकसान होगा। डायमंड व्यापार 70 फीसदी तक प्रभावित हुआ है।

पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

एक फर्म में काम करते कारीगर। टैरिफ से फुटकर काम करने वालों की निर्भरता भी प्रभावित हुई है।

एक फर्म में काम करते कारीगर। टैरिफ से फुटकर काम करने वालों की निर्भरता भी प्रभावित हुई है।

राजस्थान की जेम एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री का सालाना करीब 17,800 करोड़ रुपए का व्यापार है। इनमें से 3000 से 3500 हजार करोड़ का व्यापार अकेले अमेरिका के साथ होता है।

इस बार दीपावली सीजन में 3,500 करोड़ के कारोबार में से 60% से अधिक व्यापार प्रभावित हुआ है। नए ऑर्डर मिल नहीं रहे। पुराने ऑर्डर कैंसिल हो रहे हैं। इससे 2,500 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान कारोबारियों को हुआ है।

70% डायमंड व्यापार प्रभावित, जड़ाऊ गहनों में 90% गिरावट

भारत के कुल निर्यात का एक तिहाई हिस्सा डायमंड निर्यात का है। टैरिफ के कारण डायमंड निर्यात 70% तक प्रभावित हुआ है। सोने की बढ़ती कीमतों से भी राजस्थान के हीरा कारोबार पर दोहरी मार पड़ी है।

टैरिफ का राजस्थान की परंपरागत कला जड़ाऊ, मीना व कुंदन पर सबसे ज्यादा असर है। राजस्थान जड़ाऊ गहनों की देश की सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। यहां जड़ाऊ गहनों, कुंदन मीना का काम 10-15% तक सिमट गया है।

कारोबारी शंकर लाल शर्मा कहते हैं- जयपुर से अमेरिका डायमंड समेत 200 से अधिक प्रकार के सेमी-प्रेशियस और प्रेशियस स्टोन्स भेजे जाते हैं। टैरिफ के कारण ऑर्डर 70% तक घट गए हैं। जड़ाऊ गहनों के ऑर्डर में 90% गिरावट है।

लाखों कारीगर प्रभावित, जीएसटी ने भी बढ़ाई परेशानी

टैरिफ का असर केवल बड़े निर्यातकों ही नहीं जेम और ज्वेलरी इंडस्ट्री के लाखों कारीगरों और प्रदेश के छोटे व्यापारियों पर भी पड़ा है। जयपुर के नमकीन वालों की गली के हीरा कारोबारी हरिशंकर शर्मा बताते हैं 70 से 80% काम बंद हो गया है।

छोटे व्यापारी बड़े निर्यातकों को माल सप्लाई करते हैं, लेकिन ऑर्डर कम होने से काम नहीं है। जीएसटी ने भी छोटे व्यापारियों पर बोझ डाला है।

यही हालत रहे तो आने वाले दो तीन महीने में ताले लगने की नौबत आ जाएगी। शर्मा कहते हैं कि कभी जयपुर के चाकसू चौक पर 300 से 400 कारोबारी सक्रिय थे, आज गिनती के फुटकर कारोबारी हैं।

सरकार से राहत की उम्मीद, अगले 2-3 महीने निर्णायक

प्रदेश के निर्यातकों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही कारोबारियों के हित में मजबूत कदम उठाएगी। कलर्ड गेम स्टोन्स और डायमंड्स के अमरीकी व्यापारी भारत पर लगे टैरिफ के बीच विकल्प तलाशने में जुटे हैं।

राजू मंगोड़ीवाला कहते हैं- अगले 2-3 महीने निर्णायक हैं। सरकार मदद नहीं करती तो नुकसान और बढ़ेगा। शंकर लाल शर्मा बताते हैं कि उनके संपर्क में जो अमेरिकी कारोबारी हैं उनका कहना है कि जल्द ही लूज स्टोन्स और डायमंड से टैरिफ हट सकता है। हम भी यही आशा कर रहे हैं।

राजस्थान की जेम एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री का सालाना करीब 17,800 करोड़ रुपए का व्यापार है। -प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान की जेम एंड ज्वेलरी इंडस्ट्री का सालाना करीब 17,800 करोड़ रुपए का व्यापार है। -प्रतीकात्मक तस्वीर

20 साल में 5% रह गई डायमंड पोल्की की मैन्युफैक्चरिंग

शर्मा कहते हैं कि 50% टैरिफ ने बड़ी फर्म और ब्रांड्स का काम भी 15% तक समेट दिया है। साल 2005 तक जयपुर समेत शेखावाटी क्षेत्र में 95% काम हुआ करता था।

उसके बाद प्रोसेसिंग, तकनीक, मशीनों ने फिलिंग, केसिंग और जड़ाई का सारा काम अहमदाबाद, सूरत, मुंबई, नवसारी, भावनगर शिफ्ट कर दिया। कारीगर भी वहीं चले गए।

सूरत नवसारी की बड़ी बड़ी फैक्ट्रीज भी आज इस टैरिफ के चक्कर में बंद हैं। वहां के लाखों कारीगर खाली बैठे हैं। राजस्थान में आज कुंदन मीन की पारंपरिक राजस्थानी ज्वेलरी की मैन्युफैक्चरिंग का काम 5% ही बचा है।

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ट्रंप टैरिफ की मार इस बिजनेस पर भी…

अमेरिकी टैरिफ- कालीन कारीगर लगा रहे ठेला:टेक्सटाइल का 2000 करोड़ का ऑर्डर होल्ड, 6 लाख लोगों की नौकरी खतरे में

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