काठमांडू4 मिनट पहले
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नेपाल में केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे को 48 घंटे हो गए हैं, लेकिन अभी तक अंतरिम प्रधानमंत्री तय नहीं हो सका है। इसपर बातचीत आज सुबह 9 बजे फिर से शुरू होने वाली है।
कल दिनभर चली चर्चा किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम बनाने पर लगभग सहमति बन गई है, लेकिन मौजूदा संसद को भंग करने या न करने पर चर्चा रुकी हुई है।
बातचीत में भाग लेने वाले एक अधिकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति पौडेल संसद भंग करने को तैयार नहीं। हालांकि, कार्की ने तर्क दिया है कि पहले संसद को भंग किया जाना चाहिए। क्योंकि संविधान के अनुसार संसद कायम रहते हुए किसी गैर-सांसद (जो संसद का सदस्य न हो) को प्रधानमंत्री नहीं बनाया जा सकता।
सुशीला पर भारत समर्थक होने का आरोप लगा आपस में भिड़े Gen-Z
सुशीला कार्की के नाम पर आंदोलनकारी Gen-Z युवा कल आपस में ही भिड़ गए और मारपीट करने लगे। एक गुट का आरोप है कि सुशीला कार्की भारत समर्थक हैं और उन्हें यह स्वीकार नहीं हैं।
दूसरी तरफ, आर्मी ने एहतियातन राजधानी और उससे सटे इलाकों में चौथे दिन भी कर्फ्यू जारी रखा है। नेपाल हिंसा में अब तक 34 मौतें हुई है, जबकि 1500 से ज्यादा लोग घायल हैं।

राजधानी काठमांडू में आर्मी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई।

आर्मी मुख्यालय के बाहर Gen-Z प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर लात-घूंसे चलाए।
बिना संसद को भंग किए सुशीला को पीएम बनाना चाहते हैं राष्ट्रपति पौडेल
राष्ट्रपति पौडेल यह सोच-विचार कर रहे हैं कि बिना संसद को भंग किए, सुशीला को प्रधानमंत्री कैसे बनाया जा सकता है। गुरुवार देर रात तक इस पर कई तरह के विकल्पों पर चर्चा हुई, लेकिन कोई पक्का रास्ता नहीं निकल पाया।
इसके बाद राष्ट्रपति ने तय किया कि वह शुक्रवार सुबह संविधान विशेषज्ञों से फिर से सलाह लेंगे। संविधान विशेषज्ञों का मानना है कि सुबह 9 बजे के बाद होने वाली बातचीत में कोई न कोई समाधान जरूर निकल आएगा।
अभी पीएम पद के 4 प्रमुख दावेदार
अंतरिम पीएम के लिए सुशीला कार्की, बालेन शाह, कुलमान घीसिंग और हरका सम्पांग के नाम आगे हैं। सेना ने कहा है कि इस राजनीतिक संकट का समाधान और कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है। नई कार्यकारी सरकार के पास तय समय में चुनाव कराने की जिम्मेदारी होगी।




सेना ने काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर में कर्फ्यू बढ़ाया
नेपाल में चल रहे प्रदर्शनों और अशांति के बीच काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में कर्फ्यू और प्रतिबंधों को बढ़ा दिया गया है। नेपाल आर्मी ने गुरुवार को बयान जारी कर इस बारे में जानकारी दी।
सेना ने कहा- सुरक्षा स्थिति को देखते हुए काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर जिलों में प्रतिबंध और कर्फ्यू जारी रखना जरूरी है।” हालांकि, जरूरी सेवाओं को कुछ छूट दी गई है, ताकि लोग रोजाना जरूरतों के लिए बाहर निकल सकें।
तीन दिन हिंसा के बाद राजधानी काठमांडू का ड्रोन व्यू
जेल से फरार हुए 15,000 कैदी
हिंसक प्रदर्शनों का फायदा उठाकर 15,000 से ज्यादा कैदी नेपाल की 24 से ज्यादा जेलों से भाग गए हैं। गुरुवार को एक जेल में कैदियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प में तीन कैदियों की मौत हो गई।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, मंगलवार से शुरू हुई हिंसा में अब तक कुल 8 कैदी मारे जा चुके हैं।
यह टकराव तब शुरू हुआ, जब कैदियों ने गैस सिलेंडर से विस्फोट करके जेल से भागने की कोशिश की। स्थिति को काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को गोली चलानी पड़ी, जिसमें तीन कैदी मारे गए।

ओली की पार्टी बोली- तबाही की निष्पक्ष जांच हो
केपी शर्मी ओली की पार्टी CPN-UML ने नेपाल के हालात पर प्रतिक्रिया दी। पार्टी महासचिव शंकर पोखरेल ने बयान जारी कर कहा कि विरोध प्रदर्शनों में हुई जान-माल की तबाही की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
UMLने कहा कि 13,000 से ज्यादा कैदियों का जेल से भाग जाना शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब प्रदर्शन को शांतिपूर्ण बताया गया था, तो इतनी बड़ी तोड़फोड़ और हिंसा कैसे हुई। साथ ही यह भी जांच होनी चाहिए कि सुरक्षा एजेंसियां इतने बड़े पैमाने की हिंसा और विनाश को क्यों नहीं रोक पाईं।
