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23 घंटे पहले
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रामायण के सुंदरकांड का एक सुंदर प्रसंग है। इस प्रसंग में हनुमान जी ने बताया है कि किसी भी बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सिर्फ उत्साह ही नहीं, बल्कि मजबूत आधार और योजनाबद्ध तैयारी भी जरूरी है।
देवी सीता की खोज में निकली वानर सेना जब समुद्र तट पर पहुंची और उन्हें यह पता चला कि माता सीता लंका में हैं, तब ये बड़ा प्रश्न उठा कि सीता माता की खोज में लंका कौन जाएगा?
सबकी निगाहें हनुमान जी पर टिक गईं और जैसे ही उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई, उन्होंने बिना देर किए लंका जाने की तैयारी शुरू कर दी। लंका जाने के लिए उन्होंने एक विशेष कार्य किया, वे एक छोटे पहाड़ पर चढ़े, पैरों का दबाव बनाया और वहां से समुद्र पार करने के लिए विशाल छलांग लगाई।
जब हनुमान जी देवी सीता की खोज करके लंका से लौट आए, तब किसी ने उनसे पूछा था कि आपने पहाड़ पर चढ़कर छलांग क्यों लगाई थी? आप तो शक्तिशाली हैं, जहां खड़े थे, वहीं से छलांग लगा सकते थे।
हनुमान जी ने उत्तर दिया कि अगर छलांग लंबी लगानी हो तो आधार मजबूत होना चाहिए। अगर आधार मजबूत नहीं होगा तो छलांग गड़बड़ा सकती है। बड़ी सफलता चाहते हैं तो आधार और योजना पर ध्यान देना चाहिए।
हनुमान जी की सीख
- मजबूत नींव के बिना बड़ी सफलता नहीं मिलती
हनुमान जी ने दिखाया कि कोई भी बड़ा काम, चाहे आप कितने भी सक्षम क्यों न हों, बिना मजबूत आधार के नहीं करना चाहिए।
किसी भी नए प्रोजेक्ट, परीक्षा, नौकरी या व्यवसाय की शुरुआत करने से पहले पूरी तैयारी और रिसर्च जरूर करनी चाहिए।
- योजना और सोच का स्पष्ट होना जरूरी है
हनुमान जी ने पहले स्थिति को देखा, पहाड़ की ऊंचाई को समझा और फिर उस पर चढ़कर छलांग लगाई। ये दिखाता है कि सफलता केवल जोश से नहीं, बल्कि सोच और योजना से मिलती है।
काम शुरू करने से पहले एक स्पष्ट एक्शन प्लान बनाना चाहिए कि क्या करना है, कब करना है और कैसे करना है।
- आत्मविश्वास के साथ-साथ आत्ममंथन भी जरूरी
हनुमान जी में बल था, क्षमता थी, पर उन्होंने फिर भी अपनी परिस्थिति को जांचा और फिर कदम उठाया। ये हमें सिखाता है कि आत्मविश्वास अच्छा है, लेकिन अति-आत्मविश्वास खतरनाक हो सकता है।
अपनी क्षमताओं का मूल्यांकन करें और जरूरत हो तो सीखने या सलाह लेने में संकोच न करें।
- छोटी तैयारी, बड़ी सफलता
पर्वत पर चढ़ने का उनका छोटा-सा कार्य उनकी विशाल सफलता का आधार बना।
कभी भी छोटी-छोटी तैयारियों को नजरअंदाज न करें, जैसे समय पर सोना, पढ़ाई की प्लानिंग करना, समय प्रबंधन करना, या ऑफिस मीटिंग से पहले नोट्स बनाना।
- परिस्थितियों का सही उपयोग करें
हनुमान जी ने जिस पहाड़ का उपयोग किया, वह प्रतीक है उस संसाधन का, जो हर किसी के पास होता है। फर्क सिर्फ उसे पहचानने और सही समय पर इस्तेमाल करने का है।
अपने आस-पास के अवसरों, लोगों, समय और ज्ञान का स्मार्ट उपयोग करें।
जहां खड़े हैं, वहीं से दौड़ने मत लग जाइए, पहले जमीन देखिए, खुद को देखिए और फिर एक मजबूत आधार बना कर आगे बढ़ें। आपकी सफलता की छलांग आपके आधार की मजबूती पर निर्भर करती है।