Sanskars were given priority in Jain youth-girl introduction conference. | जैन युवक-युवती परिचय सम्मेलन में संस्कारों को मिली तरजीह: सम्मेलन में 422 युवतियों और 539 युवकों का हुआ था पंजीकरण, 14 परिवारों में गठबंधन – Meerut News

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जैन मिलन महावीर मेरठ की ओर से रविवार को जैन युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में देश के अलग-अलग स्थानों से तो परिवार पहुंचे ही थे, विदेश से भी संस्कार लोगों को यहां खींच लाये। इस दौरान 14 परिवारों ने एक दूसरे पर भरोसा दिखाया और शाद

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अब एक नजर कार्यक्रम की रूपरेखा पर

दिल्ली रोड स्थित जगदीश मंडप में मेरठ के अलावा दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, हरियाणा, लखनऊ, कानपुर, अंबाला, बुलंदशहर, लुधियाना, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद, जयपुर आदि स्थानों से परिवार अपने बच्चों के जीवनसाथी की तलाश करने पहुंचे थे। सम्मेलन में 422 युवतियों और 539 युवकों का पंजीकरण हुआ। 14 रिश्तो से परिचय सम्मेलन की शुरुआत हुई और लगभग 62 से ज्यादा रिश्तो में बात आगे बढ़ी।

सम्मेलन में हुआ पत्रिका का विमोचन

कार्यक्रम की शुरुआत सुरेश जैन ऋतुराज ने की। जबकि उद्घाटन अजय जैन व राजीव जैन के द्वारा किया गया। ध्वजारोहण डॉक्टर पीयूष गुप्ता ने किया और स्वागत अध्यक्ष की भूमिका संजीव जैन ने निभाई। इस दौरान पत्रिका का विमोचन भी किया गया, जिसमें सुनील जैन, पुनीत जैन, जिनेंद्र जैन, सुवनीत जैन का विशेष योगदान रहा।

ताकि बचा रहा जैन धर्म : बिलाश चंद जैन

पिछले 25 वर्ष से इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यही है कि जैन समाज के अपने ही समाज में रिश्ते हो जाएं। इससे जैन धर्म भी बचा रहेगा। एक छत के नीचे अलग अलग शहरों से लोग आते हैं जो एक दूसरे को समझते हैं और रिश्ते बन जाते हैं। खास बात यह है कि जिन युवाओं का तलाक हो चुका है, उनको भी नये सिरे से जिंदगी शुरु करने का अवसर मिल रहा है।

यह बोले सम्मेलन में पहुंचे लोग

सहारनपुर से आई अलका जैन अपनी बेटी व बेटे के लिए रिश्ता देख रहीं थी। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके परिवार की इच्छा है कि घर से उनकी बेटी जाये तो दूसरी बेटी घर में आ जाए। क्योंकि वह बेटी और बहू में कोई फर्क नहीं मानती हैं।

दिल्ली से अपने परिवार को लेकर पहुंचे संदीप जैन सम्मेलन को लेकर बेहद उत्साहित दिखे। उन्होंने बताया कि उनका बेटा आस्ट्रेलिया में है जो खास इस परिचय सम्मेलन के लिए भारत आया है। वह संस्कारवान बहू ढूंढ रहे हैं जो जैन समाज में और केवल भारत में ही मिल सकती है।

रूड़की हरिद्वार की पंखुड़ी जैन अपने लिए देवरानी ढूंढने आईं थीं। उन्होंने कहा कि परिचय सम्मेलन में बहुत अच्छे अच्छे रिश्ते आए हैं। उनको व उनके परिवार को ऐसी बहू की जरूरत है जो पूरे घर को अच्छे से संभाल ले। संस्कारी हो और पूरे परिवार को जोड़कर रखे।

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