पंजाब सीएम भगवंत मान के बोलते हुए की फाइल फोटो
पंजाब की महिलाओं को जल्द ही सरकार हर महीने 1100 रुपए दे सकती है। इसके लिए सरकार तैयारी शुरू कर चुकी है और अगले साल मार्च में पेश होने वाले बजट से के बाद इसे शुरू किया जा सकता है।
.
यह बात खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक टीवी इंटरव्यू में कही। उन्होंने कहा कि कई गारंटियां पहले ही पूरी कर दी गई हैं और अब महिलाओं के लिए इस गारंटी पर भी काम शुरू हो गया है।
AAP सरकार ये गारंटी पूरी कर दे तो पंजाब में 18 साल से बड़ी उम्र की करीब 75 लाख महिलाओं को हर महीने ये रकम मिल सकती है।
आम आदमी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र को गारंटियों का नाम दिया था, जिसमें महिलाओं को आर्थिक मदद देने का वादा शामिल था। विपक्षी दल अब तक इसे अधूरा बताते हुए सरकार पर अक्सर सवाल उठाते रहे हैं।

वादों के दम पर मिली एकतरफा जीत साल 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में महिलाओं के लिए वादा किया था कि अगर उनकी सरकार पंजाब में बनती है, तो राज्य की 18 साल से ऊपर की हर महिला को हर महीने 1000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
इस वादे के साथ मुफ्त बिजली, पानी का भी वादा केजरीवाल ने किया। इन वादों का असर यह हुआ कि AAP ने पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में 92 सीटें जीतीं और भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार बनाई। सरकार बनते ही सरकार ने मुफ्त बिजली, पानी के चुनावी वादे तो जल्द ही पूरे कर दिए, लेकिन महिलाओं को आर्थिक सहायता नहीं दी गई।
लोकसभा चुनाव में बढ़ा दी थी राशि वादे के करीब 2 साल बाद जब देश में लोकसभा चुनाव हुए तो विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा। इससे सरकार को होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए केजरीवाल ने होशियारपुर की एक जनसभा में महिलाओं को मिलने वाली राशि को एक हजार से 1100 रुपए प्रति माह कर दिया। तब इसे “महिला सशक्तिकरण योजना” नाम दिया।
AAP नेताओं का तर्क था कि जनता ने उन्हें पूरे 5 साल का टाइम दिया है। इन 5 सालों में ही सभी वादों को पूरा किया जाएगा। उनका यह भी कहना था कि उन्होंने वादों को पूरा करने का कोई टाइम फिक्स नहीं किया था। इस वजह से वह 5 साल के भीतर इस गारंटी को भी पूरा कर देंगे।
वादा पूरा न होने और अब इसे पूरा करने की वजहें..
- फंड की कमी: जानकार बताते हैं कि इस स्कीम के लिए फाइनेंस जुटाना सरकार के लिए हमेशा चुनौती रही है। इस वजह से यह स्कीम टलती रही है। सरकार भले ही यह कहती रहे कि पैसे की दिक्कत नहीं है, लेकिन बाकी वादों को पूरा करने के चक्कर में बजट का दबाव बढ़ रहा है।
- अगले चुनाव पर नजर: अगले साल यानी 2026 में मौजूदा सरकार का आखिरी बजट होगा। ऐसे में 1100 रुपए वाली स्कीम को सरकार चुनावी बजट में शामिल करना चाहती है, ताकि इस योजना के जरिए मतदाताओं को अपने पक्ष में किया जा सके। इसके लिए सरकार चुनावी वर्ष में स्कीम को लागू करने के लिए फंड जुटाएगी। कुछ पुरानी स्कीमों के फंड में कटौती करेगी। तभी यह संभव है।

पंजाब सीएम भगवंत मान व कैबिनेट मंत्री। – फाइल फोटो
वादे को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ की जरूरत पंजाब की मौजूदा जनसंख्या करीब 3 करोड़ है। इसमें महिलाओं की संख्या लगभग 1.45 करोड़ है। अगर इनमें से 70-75 लाख महिलाएं स्कीम की पात्र मानी जाएं, तो सरकार को हर साल लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी। इतने बड़े बजट की व्यवस्था करना सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
वहीं, दूसरी ओर सरकार पहले ही अपने बड़े चुनावी वादों- जैसे हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर अपग्रेड करने जैसी योजनाएं लागू कर रही है। इन्हें पूरा करने से भी सरकारी बजट पर दबाव पड़ रहा है।
