हिमाचल से मानसून विदा होते ही शिमला के रिज पर बढ़ने लगी रौनक।
हिमाचल प्रदेश से मानसून लौटते ही होटेलियर ने बंपर डिस्काउंट का ऐलान कर दिया है। पर्यटन स्थलों पर कमरों की बुकिंग में टूरिस्ट को अधिकतम 50 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। इस छूट के बाद, 5 हजार का कमरा ढाई हजार और 2 हजार का कमरा मात्र एक हजार रुपए में मिल
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शिमला और मनाली समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर भी टूरिस्ट अगले कुछ दिन इस डिस्काउंट का फायदा उठा सकेंगे। मानसून की बारिश थमने और सड़कों की बहाली के बाद टूरिस्ट पहाड़ों पर पहुंचने लगा है।
इससे, पर्यटन स्थलों पर बीते चार-पांच दिनों के दौरान चहल-पहल बढ़ी है। शिमला, कुफरी, नारकंडा और चायल में टूरिस्ट नजर आने लगा है।

मानसून के विदा होते ही शिमला के रिज पर बढ़ने लगी टूरिस्ट की चहल-पहल।
मनाली में एक महीने बाद बस सेवाएं शुरू
अब मनाली भी टूरिस्ट आना शुरू हो जाएगा, क्योंकि मनाली से एक महीने बाद लौंग रूट की बस सेवाएं शुरू हो गई है। गुरुवार को मनाली से दिल्ली, चंडीगढ़, जालंधर इत्यादि स्टेशन को बसें भेजी गई। इसके बाद, देश के विभिन्न राज्यों से वॉल्वो बसें भी मनाली आ सकेंगी।
पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सड़कें बहाल
प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली सड़कें भी बहाल हो चुकी हैं। राज्य के ज्यादातर हिस्सों से मानसून भी विड्रा हो चुका है और अगले 5 दिन तक बारिश के कोई आसार नहीं हैं। ऐसे में टूरिस्ट पहाड़ों पर सुहावने मौसम और होटलों में डिस्काउंट का फायदा उठा सकेंगे।

साढ़े तीन महीने बाद टूरिस्ट आना शुरू
प्रदेश में लगभग साढ़े तीन महीने के अंतराल के बाद टूरिस्ट पहाड़ों पर पहुंचना शुरू हुआ है। पर्यटन स्थलों पर इससे रौनक लौटनी शुरू हो गई है। शिमला व आसपास के होटलों में 15 से 20 फीसदी ऑक्यूपेंसी हो चुकी है। वीकेंड पर इसके 35 प्रतिशत होने का अनुमान है।
मनाली में 10% ऑक्यूपेंसी
वहीं मनाली में भी 10 फीसदी ऑक्यूपेंसी हो गई है। मनाली में वॉल्वो बसों की आवाजाही बीते कल से शुरू हो गई है। इसके बाद मनाली में रविवार तक 30 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी होने की उम्मीद है। होटेलियर अनूप ठाकुर ने बताया कि मनाली में टूरिस्ट को 50 प्रतिशत तक छूट दी जा रही है। यह छूट अगले कुछ दिन जारी रहेगी।

प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर कैसे पहुंचे?
- कसौली- कालका-शिमला फोरलेन से पहले सोलन जिला के धर्मपुर पहुंचना होगा। यहां से लगभग 10 किलोमीटर सफर धर्मपुर-कसौली सड़क पर सफर करके पहुंचा जा सकता है। यह सड़क सभी प्रकार के वाहनों के लिए पूरी तरह बहाल है।
- शिमला- कालका-शिमला फोरलेन से ही हिमाचल की राजधानी शिमला पहुंचा जा सकता है। शिमला के लिए भी सड़क छोटे व बड़े वाहनों के लिए बहाल है। चंडीगढ़ से शिमला की दूरी लगभग 115 किलोमीटर है। ऐसे में चंडीगढ़ से शिमला पहुंचने में तीन से साढ़े तीन घंटे का वक्त लग सकता है।
- कुफरी- यह पर्यटन स्थल शिमला से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। कालका-शिमला-रामपुर हाईवे से होते हुए ही कुफरी पहुंचा जा सकता है। शिमला से कुफरी पहुंचने में लगभग 20 से 30 मिनट का वक्त लग जाता है।
- चायल- यह सोलन जिला में पड़ता है। चायल के लिए टूरिस्ट कंडाघाट-साधुपुल होते हुए भी पहुंच सकते हैं और शिमला होते भी चायल पहुंचा जा सकता है। शिमला से चायल की दूरी लगभग 52 किलोमीटर है। यहां पहुंचने में 2 घंटे का वक्त लग जाता है।
- नारकंडा- नारकंडा विंटर टूरिस्ट सीजन के लिए काफी फेमस पर्यटन स्थल है। जो टूरिस्ट प्राकृतिक सुंदरता प्रेमी है, वह नारकंडा जाना नहीं भूलते। यह शिमला से लगभग 65 किलोमीटर दूर है और शिमला से नारकंडा पहुंचने में लगभग 3 घंटे का वक्त लग जाता है। मनाली के मॉल रोड पर एक महीने बाद लौटने लगी रौनक।
- मनाली- दुनियाभर में मशहूर पर्यटन स्थल है। मनाली के लिए चंडीगढ़-मनाली फोरलेन से पहुंचा जा सकता है। यह हाईवे कई दिन से बंद था। मगर अब छोटे और बड़े सभी प्रकार के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। इसके बाद टूरिस्ट मनाली के साथ सात आसपास के अटल टनल, रोहतांग, सोलंग नाला, कोकसर और लाहौल स्पीति जिला के विभिन्न पर्यटन स्थलों को भी जा सकते हैं। चंडीगढ़ से मनाली की दूरी लगभग 300 किलोमीटर है। इन दिनों इस दूरी को तय करने में 8 से 9 घंटे का वक्त लग सकता है।
- धर्मशाला- पूरे देश से बड़ी संख्या में टूरिस्ट धर्मशाला पहुंचता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और दलाईलामा के कारण यहां विदेशी टूरिस्ट भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। धर्मशाला से लिए टूरिस्ट पठानकोट-चंबा-कांगड़ा, चंडीगढ़-धर्मशाला, शिमला-हमीरपुर-धर्मशाला फोरलेन से पहुंच सकते हैं। चंडीगढ़ से धर्मशाला की दूरी लगभग 245 किलोमीटर है। इसमें लगभग सात घंटे लग जाते हैं।
- डलहौजी- डलहौजी में ज्यादातर टूरिस्ट पंजाब से पहुंचता है। यहां के लिए पठानकोट-चंबा-भरमौर एनएच होते हुए पहुंचा जा सकता है। पठानकोट से डलहौजी की दूरी लगभग 81 किलोमीटर है। इसे पूरा करने में तीन से साढ़े तीन घंटे का वक्त लग सकता है। यह सड़क भी अब पूरी तरह बहाल हो चुकी है।

शिमला के मॉल रोड पर शाम के वक्त चहलकदमी करते हुए टूरिस्ट।