लुधियाना में खन्ना के माता रानी मोहल्ला निवासी और रियल एस्टेट फर्म चलाने वाले गगनदीप सिंह ने लुधियाना के बसंत विहार, नूरवाला रोड निवासी राजिंदर कुमार उर्फ डॉक्टर पर 14.71 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। यह ठगी गुजरात के धोलेरां स्मार्ट सिटी प्रोज
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गगनदीप सिंह ने पुलिस थाना दुगरी में शिकायत दर्ज करवाई है। उसने आरोप लगाया कि साल 2018 से 2023 के बीच राजिंदर कुमार ने उन्हें और उनके निवेशकों को धोलेरां, जिला अहमदाबाद में कई जमीनों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया। राजिंदर ने दावा किया कि यह प्रोजेक्ट केंद्र और गुजरात सरकार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है।
धोलेरां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की तस्वीर।
वॉट्सऐप चैट और दस्तावेजों के माध्यम से दावों को प्रमाणित करने की गई कोशिश
गगनदीप सिंह के मुताबिक, राजिंदर ने निवेश की गई राशि पर 2 प्रतिशत मासिक रिटर्न और 6 प्रतिशत कमीशन का वादा किया। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जमीन के प्लॉट्स गैर-कृषि प्रमाणपत्र (Non-Agricultural Certificates), एनओसी, क्लियर टाइटल और रेरा (RERA) अप्रूवल के साथ आते हैं। वॉट्सऐप चैट और दस्तावेजों के माध्यम से इन दावों को प्रमाणित करने की कोशिश की गई।
राजिंदर कुमार की बातों पर भरोसा करते हुए उन्होंने न केवल अपनी पूंजी निवेश की, बल्कि अन्य निवेशकों से भी पैसे जुटाए। इन वर्षों में, उन्होंने आरोपी द्वारा दिए गए बैंक खातों में बड़ी रकम ट्रांसफर की और लुधियाना के विभिन्न स्थानों पर नकद भुगतान भी किया।
राजिंदर ने कई प्लॉट्स के लिए समझौते कराए, जिनका आकार 100 वर्ग गज से लेकर 21 हजार वर्ग गज तक था। एक समय पर, राजिंदर ने गगनदीप को “धोलेरां 365” नामक एक अन्य फर्म से भी परिचित कराया और प्रभावशाली समूहों से संबंध होने का दावा किया।
जमीन के दस्तावेज निकले फर्जी
गगनदीप सिंह ने कहा कि गुजरात राजस्व विभाग से दस्तावेजों की जांच कराने पर पता चला कि जमीन के दस्तावेज फर्जी थे और जमीनें निजी रियल एस्टेट कंपनियों के निदेशकों के नाम पर पंजीकृत थीं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि राजिंदर ने करोड़ों रुपए नकद और बैंक ट्रांसफर के माध्यम से लिए, लेकिन केवल कुछ ही रजिस्ट्रियां दीं, जिनमें से अधिकांश फर्जी निकलीं।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि राजिंदर ने खुद को उनका बिजनेस पार्टनर बताते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार किए और राजनीतिक नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ अपनी तस्वीरें साझा कर उन्हें डराने की कोशिश की।
जांच अधिकारी एएसआई अमोलक सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के बाद मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि वित्तीय रिकॉर्ड और गुजरात में संपत्ति रजिस्ट्रियों की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में कुल 14.71 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है, जिसमें गगनदीप सिंह की व्यक्तिगत पूंजी और उनके निवेशकों का पैसा शामिल है।
गगनदीप सिंह की शिकायत पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), और 471 (फर्जी दस्तावेजों का उपयोग) के तहत एफआईआर दर्ज की है।