दिल्ली एयरपोर्ट पर कौटिल्य पंडित को छोडने पहुंचा परिवार।
करनाल जिले के कोहंड गांव का बेटा कौटिल्य पंडित आखिरकार अपने सपनों की मंजिल तक पहुंच गया है। 29 सितंबर की सुबह 4 बजे उसने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली से इंग्लैंड के लिए उड़ान भरी। परिवार उसे एयरपोर्ट तक छोड़ने गया। इस लम्हे को कौटिल्य ने अप
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उसका सफर एसडी स्कूल कोहंड से शुरू होकर भवन स्कूल पंचकूला, जीडी गोयनका गुरुग्राम और एलन इंस्टीट्यूट कोटा से होते हुए दुनिया की नंबर-1 यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड तक पहुंचा है। यही नहीं, कौटिल्य ने जेईई एडवांस्ड पासआउट करने से पहले ही ऑक्सफोर्ड में एडमिशन पक्का कर लिया था।
परिवार और समर्थकों से मिला आशीर्वाद
इंग्लैंड रवाना होने से पहले कौटिल्य के सम्मान में 14 सितंबर को घरौंडा में आशीर्वाद अलंकरण समारोह हुआ। इसमें बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा अपना बच्चा ऑक्सफोर्ड जा रहा है। उन्होंने कौटिल्य को देश का गौरव बताया और कहा कि वह ऑक्सफोर्ड से भी आगे जाएगा।

मुख्यमंत्री सैनी के साथ कौटिल्य पंडित।
उड़ान से पहले धार्मिक और सामाजिक जुड़ाव
इंग्लैंड जाने से पहले कौटिल्य घरौंडा की रामलीला में मुख्य अतिथि बना। वहां उसने भगवान राम, लक्ष्मण और गुरु वशिष्ठ की भूमिका निभाने वाले कलाकारों से आशीर्वाद लिया और फोटो भी शेयर की। 25 सितंबर को उसने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से भी मुलाकात की और इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा- “Absolutely honored to receive the blessings and guidance of our Hon’ble Chief Minister of Haryana.(हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री जी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन प्राप्त करना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है।) “
ऑक्सफोर्ड में होगी रिसर्च की शुरुआत
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से कौटिल्य मास्टर ऑफ फिजिक्स करेगा। वहां वह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फॉर ह्यूमिनिटी, डार्क मैटर, प्लाज्मा फिजिक्स और ब्रह्मांड विज्ञान यानी कॉस्मोलॉजी पर रिसर्च करेगा। ऑक्सफोर्ड के बॉलियोल कॉलेज ने उसे अगस्त में ही ऑफर भेजा था। यूनिवर्सिटी ने उसे 25 लाख रुपए की स्कॉलरशिप भी दी है।
14 सितंबर को हुआ आशीर्वाद अलंकरण समारोह
अक्टूबर से शुरू होनी वाली इस पढ़ाई के लिए कौटिल्य 29 सितंबर की सुबह चार बजे भारत से इंग्लैंड के लिए रवाना हो गए। यहां जाने से पहले कौटिल्य के परिवार ने 14 सितंबर को घरौंडा में आशीर्वाद अलंकरण समारोह भी किया था।

रामलीला के मंचन पर पहुंचे कौटिल्य पंडित।
जिसमें बॉलीवुड एक्टर यशपाल शर्मा विशेष रूप से पहुंचे। एक्टर यशपाल शर्मा ने कहा कि जब उन्होंने सुना कि कौटिल्य ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने जा रहा है, तो इससे बड़ी खुशी उनके लिए कुछ नहीं थी। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा अपना बच्चा ऑक्सफोर्ड में पढ़ने जा रहा है। उन्होंने कहा था कि, जैसे ही पता चला कि 14 सितंबर को कौटिल्य का आशीर्वाद समारोह है, तो मैंने तय किया कि मुझे आशीर्वाद देने जरूर जाना है। आज यह बच्चा सिर्फ हरियाणा का ही नहीं बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रहा है और हमें विश्वास है कि यह ऑक्सफोर्ड से भी आगे जाएगा।
पहले जानिए कौन हैं कौटिल्य पंडित…
टीचर ने मानचित्रों का संग्रह दिया, कुछ देर में याद कर ली
कौटिल्य पंडित साल 2007 में करनाल के कोहंड गांव में हुआ। दादा जय किशन शर्मा प्रसिद्ध शिक्षाविद् रहे हैं। वह सोनीपत के शंभू दयाल स्कूल में पढ़ाते थे। कौटिल्य करीब 4-5 साल का था। स्कूल में टीचर से मिली एटलस (मानचित्रों का संग्रह) को कुछ देर में ही याद कर लिया। बस यहीं से दादा ने बच्चे की प्रतिभा पहचान ली। कौटिल्य दादा को अपना सच्चा दोस्त और गुरु मानते हैं।
बातूनी स्वभाव के हैं, सवाल पूछने की आदत
पिता सतीश शर्मा बताते हैं कि कौटिल्य की सबसे बड़ी प्रतिभा उनकी फोटोग्राफिक याददाश्त है, जिस कारण वे किसी भी चीज को एक बार देखने या पढ़ने पर हमेशा के लिए याद कर लेते हैं। दूसरा, बचपन से ही उनका बातूनी स्वभाव और लगातार सवाल पूछने की आदत ने उन्हें ज्ञान की तलाश में प्रेरित किया। उनकी जिज्ञासा ही उनके असाधारण ज्ञान का कारण है।

दिल्ली एयरपोर्ट पर कौटिल्य पंडित को छोड़ने पहुंचा परिवार।
IQ लेवल 130 के पार, ये असाधारण श्रेणी में
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान विशेषज्ञों ने परीक्षण के बाद घोषणा की कि कौटिल्य पंडित का बुद्धि का स्तर यानी IQ लेवल 130 से 150 के बीच की रेंज में है। यह लेवल असाधारण माना जाता है और “गिफ्टेड” से लेकर “जीनियस” श्रेणी में आता है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का IQ 160 के आसपास माना जाता है।
स्कूल में पढ़ाई के दौरान मोटिवेशनल स्पीकर बनें
कौटिल्य सुपर-30 शुरू करने वाले आनंद कुमार से पटना में मिलने गए। वहां छात्रों के सामने जानकारियां सांझा की। स्कूल की पढ़ाई के दौरान मोटिवेशनल स्पीकर बने। कोविड महामारी के दौरान पिता सतीश कुमार के स्कूल में दो महीने में ही 9वीं व 11वीं के बच्चों को फिजिक्स-केमिस्ट्री का पूरा सिलेबस कवर करवा दिया, तब कौटिल्य खुद 8वीं के छात्र थे।

कार्यक्रम में पहुंचे यशपाल वर्मा के साथ कौटिल्य पंडित।
फेमस होने के साथ उपलब्धियां भी मिलीं…
5 साल की उम्र में पहुंचे KBC की हॉट सीट पर
कौटिल्य के बारे में अखबारों में छपने लगा। उसे गूगल बॉय नाम मिला। साल 2013 में 5 साल की उम्र में कौटिल्य को कौन बनेगा करोड़पति से बुलावा आया। अमिताभ बच्चन ने खुद गोद में उठाकर हॉट सीट पर बैठाया। इससे रातों-रात प्रसिद्धि मिल गई। उनकी इसी विलक्षण क्षमता के कारण उन्हें ‘बाल मनीषी’ (बाल कौतुक) की उपाधि मिली। तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने उन्हें 10 लाख का पुरस्कार दिया।

मीडिया से बातचीत करते कौटिल्य पंडित।
सोशल मीडिया पर नहीं एक्टिव
कौटिल्य पंडित के देश-विदेश में सबसे ज्यादा इंटरव्यू व्यूज रहे हैं। कौटिल्य बताते हैं कि यूट्यूब पर उनके इंटरव्यू के जितने भी वीडियो हैं, उनके कुल 128 मिलियन हैं। दूसरे नंबर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जिनके 46 मिलियन व्यूज हैं। कौटिल्य के यूट्यूब पर 2 लाख, फेसबुक पर 99 हजार लाइक्स हैं। हालांकि वो सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहते। कौटिल्य को डांस, स्विमिंग, चेस खेलना और कविता लिखना पसंद है।
कौटिल्य की ये खासियत भी रोचक….
100 से ज्यादा ग्रंथ-प्राचीन पुस्तकें पढ़ चुके
कौटिल्य पंडित ने अब तक 100 से अधिक किताबें पढ़ी हैं। इनमें ग्रंथ, विज्ञान, इतिहास, समाज दर्शन और लोकप्रिय विज्ञान से जुड़ी पुस्तकें शामिल हैं। भौतिकी और गणित से जुड़ी कई विश्वप्रसिद्ध किताबें पढ़ी हैं। इनमें फाइन मैन लेक्चर्स ऑन फिजिक्स , क्वांटम मैकेनिक्स (डी.जे. ग्रिफिथ), मैकेनिक्स (क्लेप्नर और कोलेंकोव) तथा ऑप्टिक्स (युजिन हेच्ट) शामिल हैं। इंडिया आफ्टर गांधी, डिस्कवरी ऑफ इंडिया के साथ-साथ भगत सिंह की ‘मैं नास्तिक क्यों हूं’ भी पढ़ी है।

नवीन जय हिंद आशीर्वाद देने के लिए पहुंचे।
चाणक्य आदर्श, उन्हीं की तरह चोटी रखते हैं
कौटिल्य प्राचीन भारत के महान अर्थशास्त्री चाणक्य को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की तरह तेज बुद्धि वाला व्यक्ति बनने की चाह रखते हैं। उन्हीं की तरह सिर पर चोटी भी रखते हैं। दिलचस्प है कि चाणक्य का नाम कौटिल्य भी रहा है। कौटिल्य शुद्ध शाकाहारी हैं और धार्मिक आस्था भी रखते हैं।
कौटिल्य कहते है कि हर बच्चा अच्छा होता है और उनमें हर काम करने की क्षमता होती है। बच्चों को सिर्फ पूरी कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मुझे जो प्रेरणा और आशीर्वाद मिला है, वही मुझे आगे बढ़ने की ताकत देता रहेगा।
एक बहन विदेश में पढ़ रही, दूसरी बहन एमएससी में
पिता सतीश शर्मा बताते हैं कि हमने हमेशा बच्चों की रुचि के विषयों में उनका साथ दिया। कौटिल्य की दो बहनें भी हैं, मृदुल और दीक्षा। मृदुल एमएससी की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि दीक्षा विदेश में स्कॉलरशिप पर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग कर रही है।