नई दिल्ली13 मिनट पहले
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कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि मोदी सरकार को यह बताना चाहिए कि रूस ने भारत की अपील को नजरअंदाज कर पाकिस्तान को RD-93MA इंजन देने का फैसला क्यों किया। यह इंजन चीन के बनाए JF-17 लड़ाकू विमानों में लगाया जाएगा, जिन्हें पाकिस्तानी वायुसेना इस्तेमाल करती है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पर्सनल डिप्लोमैसी की नाकामी है, जिसमें राष्ट्रीय हितों की बजाय अपनी इमेज बनाने और ग्लोबल शो को प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने कहा-

मोदी सरकार को ये भी बताना चाहिए कि हमारा पुराना भरोसेमंद अब PAK का मददगार मददगार क्यों बन रहा है।
रमेश ने कहा कि यह सौदा जून में विदेश मंत्री एस जयशंकर के दखल के बाद भी नहीं रुका था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी दावा किया गया था कि भारत सरकार की आपत्ति के बाद भी रूस ने पाकिस्तान को RD-93MA सप्लाई करने जा रहा है।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश की 2 बड़ी बातें…
- भारत का लंबे समय का भरोसेमंद साझेदार रूस अब पाकिस्तान को सैन्य सहायता दे रहा है, जबकि भारत S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है और Su-57 स्टेल्थ लड़ाकू विमानों पर बातचीत कर रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी की ‘व्यक्तिगत कूटनीति’ की एक और विफलता है।
- कई सालों की बड़ी बैठकों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छवि बनाने के बावजूद भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग नहीं कर पाया। इसके उलट, पाकिस्तान को अमेरिका और रूस का साथ मिला है, और चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उसका खुलकर समर्थन किया है।
JF-17 चीन में डिजाइन, लेकिन इसमें रूस का इंजन
पाकिस्तान के JF-17 लड़ाकू विमान चीन ने डिजाइन किए हैं, लेकिन इनमें जो इंजन लगाया जाता है वह रूस में बना RD-93MA इंजन है।

भारत रूस से और S-400 डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है
रूस के पाकिस्तान को फाइटर इंजन देने की रिपोर्ट के बीच में भारत रूस से कुछ और S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीद सकता है। ऐसे पांच सिस्टम की डील पहले ही हुई थी, जिनमें से 3 भारत को मिल चुके हैं। नई डील इनके अलावा होगी। न्यूज एजेंसी PTI के सोर्स के मुताबिक, दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के समय डील पर बातचीत हो सकती है।
यह वही डिफेंस सिस्टम है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों को हवा में ही मारकर नाकाम किया था। भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ 5 अरब डॉलर का समझौता किया था। उस समय अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि इस सौदे को आगे बढ़ाने पर वह CAATSA कानून के तहत भारत पर पाबंदी लगा सकता है। ॉ
S-400 डिफेंस सिस्टम क्या है?
S-400 ट्रायम्फ रूस का सबसे एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम है, जिसे 2007 में लॉन्च किया गया था। ये सिस्टम फाइटर जेट, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल, ड्रोन और स्टेल्थ विमानों तक को मार गिरा सकता है। ये हवा में कई तरह के खतरों से बचाव के लिए एक मजबूत ढाल की तरह काम करता है। दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है।

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