लुधियाना रेलवे स्टेशन पर इंटरसिटी ट्रेन की चपेट में आया बच्चा।
पंजाब के लुधियाना स्टेशन पर इंटरसिटी एक्सप्रेस के नीचे आने से एक बच्चे ने अपना पैर खो दिया है। उसका पैर मेरठ के अस्पताल में काटना पड़ा। बच्चा अपने माता-पिता के साथ ननिहाल मुजफ्फरनगर जा रहा था। घटना की सीसीटीवी वीडियो भी सामने आई है। वीडियो में मां दोन
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अचानक जब ट्रेन चल पड़ी तो महिला एक बच्चे को ट्रेन में चढ़ा चुकी थी लेकिन जब दूसरे बच्चे और बैग के साथ ट्रेन में चढ़ने लगी तो ट्रेन चल पड़ी। ट्रेन की जब रफ्तार बढ़ी तो वह ट्रेन के अंदर मौजूद बच्चे को आवाज लगाने लगी। चलती ट्रेन में से बच्चे को तभी किसी व्यक्ति ने प्लेटफार्म पर उतारने की कोशिश की। बच्चे का पैर घूम गया और वह ट्रेन के पहिए के नीचे आ गया। प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों ने भाग कर किसी तरह बच्चे को ट्रेन के नीचे से निकाला।
खून से लथपथ हालत में उसका पिता संदीप सीएमसी अस्पताल लेकर गया जहां उसका उपचार हुआ। गंभीर हालात को देखते हुए बच्चे के परिजन उसे दिल्ली और फिर मेरठ स्थित एक अस्पताल में ले गया जहां उसका आपरेशन हुआ और उसकी टांग काटनी पड़ी।
पिता बोला-किसी ने ट्रेन में चढ़ते समय दिया धक्का
जानकारी देते हुए बच्चे के पिता संदीप ने बताया कि वह दुगरी इलाके के रहने वाले है। वह खुद प्राइवेट नौकरी करते है। उनका बेटा 5 साल का अभाष है। वह दूसरी कक्षा में पढ़ाई करता है। वह बेटे और पत्नी के साथ ससुराल मुज्जफर नगर जा रहे थे। ट्रेन इंटरसिटी सुबह आई। गाड़ी में जैसे ही उनका बेटा चढ़ा तो अंदर से किसी ने उसे धक्का दिया और वह ट्रेन की चपेट में आ गया।
बेटे को गंभीर चोट आई। सीएमसी अस्पताल लेकर गए लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वहां खर्च भी काफी था और हमें उम्मीद थी कि दिल्ली के अस्पताल में बेटे की टांग काटने से बच सकती है।
जिंदगी भर के लिए अभाष हो गया दिव्यांग
दिल्ली अस्पताल में भी जब कुछ खास ट्रीटमेंट नहीं दिखा तो मेरठ लेकर गए वहां डाक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया और बाई टांग काट दी। संदीप ने कहा कि अभाष उनका इकलौता बेटा है। वह जिंदगी भर के लिए अब दिव्यांग हो गया है। सरकार से मांग है कि परिवार की आर्थिक मदद की जाए। रेलवे प्रशासन से भी गुहार लगा रहे है कि प्लेटफार्म पर होने वाली धक्का-मुक्की को रोका जाए।
चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश कर रही थी महिला-SHO पलविंदर सिंह
जीआरपी के SHO पलविंदर सिंह ने कहा कि प्लेटफार्म नंबर 1 के सीसीटीवी चैक किए तो मामला क्लियर हो गया। महिला चलती हुई ट्रेन के पीछे भाग रही थी। उसका बेटा पहले गाड़ी में चढ़ चुका था। महिला जब दूसरे बच्चे के साथ ट्रेन में चढ़ने में नाकाम हुई तो उसने शोर मचाया। ट्रेन के अंदर से किसी व्यक्ति ने बच्चे को प्लेटफार्म पर उतारा जिस दौरान बच्चे के पैरों का संतुलन बिगड़ा और वह ट्रेन की चपेट में आ गया।