Bhiwani DC IAS Mahavir Kaushik sang Pandit Laxmichand Ragini In former CM Bansilal village Golagarh | पूर्व CM बंसीलाल के गांव में IAS बने सिंगर: समस्या सुनने पहुंचे थे भिवानी DC; पंडित लख्मीचंद की रागनी गाई, पटवारी किया सस्पेंड – Bhiwani News

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गांव गोलागढ़ में आयोजित रात्रि ठहराव कार्यक्रम में रागनी सुनाते DC महावीर कौशिक।

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के गांव में भिवानी के DC महावीर कौशिक का सुरीला अंदाज देखने को मिला। वह गांव में लोगों की समस्या सुनने के लिए पहुंचे थे, लेकिन लोगों ने उनसे रागनी गाने की फरमाइश की। DC ने भी लोगों को निराश नहीं किया और अपने ही अं

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2011 बैच के IAS अधिकारी की गाई रागनी को लोगों ने खूब सराहा। हालांकि, यह पहला मौका नहीं था DC कौशिक ने रागनी गाई। इससे पहले भी वह सार्वजनिक मंच से रागनी सुना चुके हैं। इसके अलावा यहां लोगों की समस्याएं सुनने के बाद DC ने गांव के पटवारी को भी सस्पेंड कर दिया।

गांव गोलागढ़ में आयोजित रात्रि ठहराव कार्यक्रम में रागनी सुनाते DC महावीर कौशिक।

गांव गोलागढ़ में आयोजित रात्रि ठहराव कार्यक्रम में रागनी सुनाते DC महावीर कौशिक।

लोगों के कहने पर गाई रागनी 25 मार्च को DC महावीर कौशिक रात्रि ठहराव कार्यक्रम के लिए पूर्व CM बंसीलाल के गांव गोलागढ़ में पहुंचे थे। यहां पहले DC ने लोगों की समस्याएं सुनीं। इसके बाद ग्रामीणों ने DC से हरियाणवी रागनी सुनाने की मांग की। इस पर DC ने पंडित लख्मीचंद की त्रिलोकी भगवान पर रागनी सुनाई। इसमें उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा ही भक्त का साथ दिया है। रागनी गायन में लोक कलाकार बाली शर्मा ने भी उनका साथ दिया।

2011 बैच के IAS हैं कौशिक बता दें कि DC महावीर कौशिक 2011 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने 24 जुलाई 2024 को भिवानी के DC का कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह गृह विभाग एवं शहरी स्थानीय निकाय विभाग में विशेष सचिव थे। वहां से भिवानी के DC के रूप में ट्रांसफर हुए हैं।

गांव गोलागढ़ में रात्रि ठहराव कार्यक्रम में रागनी सुनाते हुए DC महावीर कौशिक झूमते नजर आए।

गांव गोलागढ़ में रात्रि ठहराव कार्यक्रम में रागनी सुनाते हुए DC महावीर कौशिक झूमते नजर आए।

पटवारी को किया सस्पेंड कार्यक्रम में DC ने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। इस दौरान ग्रामीणों ने इंतकाल संबंधित शिकायत की। इसके बाद DC ने मौके पर गांव के पटवारी को सस्पेंड करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही DC ने ग्रामीणों की मांग पर गांव में पुस्तकालय बनवाने, व्यायामशाला का निर्माण करवाने के लिए पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए।

3 पॉइंट्स में रागनी के बारे में जानिए…

1. क्या है रागनी रागनी हरियाणा की एक पारंपरिक लोकगीत शैली है, जो कौरवी बोली में गाई जाती है। इसमें कविता और संगीत का मिश्रण होता है। रागनी में वीरता, प्रेम, भक्ति, सामाजिक मुद्दों और ऐतिहासिक घटनाओं को व्यक्त किया जाता है। यह हरियाणवी लोक संस्कृति का अभिन्न अंग है। पहले सांग (लोकनाट्य) का हिस्सा थी, लेकिन अब यह एक अलग विधा है।

2. मनोरंजन के साथ समाज को जागरूक करने का तरीका हरियाणा में रागनी केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करने, सामाजिक बुराइयों (दहेज प्रथा, बाल विवाह, आदि) के खिलाफ आवाज उठाने और इतिहास को संजोने का माध्यम भी रही है। यह कला लोगों को एकजुट करती है। हालांकि, आधुनिकता के प्रभाव से यह कला धीरे-धीरे कम होती जा रही है।

3. इन मौके पर गाई जाती है रागनी हरियाणा में विभिन्न मौकों पर गाई जाती है। गांवों में लगने वाले मेलों और त्योहारों पर रागनी गाने का चलन है। इसे अलावा विवाह समारोह, शुभकामनाओं देने के लिए, सामाजिक सभाओं में मनोरंजन के लिए और ऐतिहासिक या धार्मिक कार्यक्रमों भी रागनी गाई जाती है। इसके अलावा हरियाणा में रागनी प्रतियोगिताएं भी होती हैं।

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