जम्मू16 मिनट पहले
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कठुआ इलाके में 23 मार्च से सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं।
कठुआ के पंजतीर्थी इलाके में सोमवार देर रात आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ शुरू हुई है। सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को घेरा है। दोनों ओर से लगातार फायरिंग जारी है।
बीते 9 दिनों में कठुआ क्षेत्र में सुरक्षाबलों की आतंकियों से ये तीसरी मुठभेड़ है। पहली मुठभेड़ 23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में हुई थी। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के ग्रुप को घेरा था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे थे।
इसके बाद 28 मार्च दूसरी बार मुठभेड़ हुई थी। इसमें 2 आतंकी मारे गए थे। इस दौरान ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के 4 जवान तारिक अहमद, जसवंत सिंह, जगबीर सिंह और बलविंदर सिंह शहीद हुए थे।
इनके अलावा DSP धीरज सिंह समेत तीन जवान घायल हुए थे। उनका इलाज जारी है। सुरक्षाबलों को करीब 5 आतंकवादियों के छिपे होने की खबर मिली थी। ये आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के प्रॉक्सी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट से जुड़े हैं।
28 मार्च: एनकाउंटर में मारे गए थे 2 आतंकी, 4 जवान भी शहीद

पुलिस बोली- आतंकियों ने हथियार नहीं लूटे, अफवाहों पर ध्यान न दें
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 29 मार्च को कहा था कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के सुदूर जंगली इलाके में दो दिनों तक चली मुठभेड़ के दौरान आतंकवादियों ने कोई हथियार नहीं छीना। पुलिस प्रवक्ता ने बताया था कि मारे गए चारों पुलिसकर्मियों के सभी हथियार और अन्य सामान बरामद किया गया।
प्रवक्ता ने कहा था कि कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व सोशल मीडिया पर ऑपरेशन सफियान में हमारे शहीदों के हथियार छीनने की अफवाह फैला रहे हैं। ये दावे झूठे हैं। शहीदों के सभी हथियार और सामान बरामद कर लिए गए हैं।
23 मार्च: आतंकियों ने एक परिवार को बंधक बनाया, लेकिन वे बच निकले
23 मार्च को हीरानगर सेक्टर में आतंकवादियों के एक ग्रुप को सुरक्षाबलों ने घेर लिया था, लेकिन वे भागने में कामयाब रहे। माना जा रहा है कि ये वही आतंकवादी हैं, जो सान्याल से निकलकर जखोले गांव के पास देखे गए।
हीरानगर सेक्टर में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के एक ग्रुप को घेर लिया था। उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था। मौका मिलने पर तीनों आतंकियों के चंगुल से भाग निकले थे।
इस दौरान बच्ची की मामूली चोटें आई थीं। उन्होंने ही आतंकियों के छिपे होने की सूचना पुलिस को दी थी। महिला ने बताया था कि सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे।
जाखोले गांव हीरानगर सेक्टर से लगभग 30 किमी दूर है। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई।
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