जवाहर कला केंद्र में चल रही फोटो प्रदर्शनी ‘जेकेके का सफर’ में दर्शकों का उत्साह नजर आ रहा है।
जवाहर कला केंद्र में चल रही फोटो प्रदर्शनी ‘जेकेके का सफर’ में दर्शकों का उत्साह नजर आ रहा है। जवाहर कला केंद्र के 32वें स्थापना दिवस समारोह के तहत तीन दिन से सुरेख व सुकृति कला दीर्घा में चल रही फोटो प्रदर्शनी में जेकेके के अब तक के सफर को दर्शाया ग
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जेकेके में इतने सालों में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों व गतिविधियों के फोटोज से केंद्र का गौरवशाली इतिहास जीवन्त हो उठा। केंद्र का तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह गुरुवार को सम्पन्न हुआ। तीन दिन में केंद्र परिसर ग्रैमी अवॅार्ड विजेता पं.विश्वमोहन भट्ट, पद्मश्री से सम्मानित कलाकार अनवर खां मांगणियार, तंत्री सम्राट पं. सलिल भट्ट की प्रस्तुतियों के साथ ही 100 से लोक वाद्य वादन के कार्यक्रम में राजस्थानी संस्कृति के अद्भुत रंगों का साक्षी बना। लोक वाद्य यंत्रों की विशेषताओं ने मोहा मन जवाहर कला केंद्र की अलंकार दीर्घा में चल रही लोक वाद्य यंत्र प्रदर्शनी के अंतिम दिन बड़ी संख्या में लोग वाद्य यंत्रों के जादू से रू-ब-रू होने पहुंचे। राजस्थान के अलग-अलग इलाकों और जनजातियों के लोक कलाकारों ने अपने वाद्य यंत्रों की तकनीक व इतिहास की जानकारी देने के साथ ही आगंतुकों के सामने अपने यंत्रों का वादन भी किया जिससे दिनभर अलंकार में सुर-ताल का उल्लास फैला रहा। शाम को इन कलाकारों ने फिर मिलने के वादे के साथ शहरवासियों से विदाई ली।