Parveen Babi 66 for one shot at revolution | परवीन बॉबी ने क्रांति में दिए 66 रीटेक: रात 2 बजे तक चली शूटिंग; मनोज कुमार के कजिन ने शेयर किया फिल्म से जुड़ा किस्सा

Actionpunjab
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22 मिनट पहले

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एक्टर-प्रोड्यूसर और डायरेक्टर मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका 4 अप्रैल को निधन हो गया। उनके कजिन मनीष गोस्वामी ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान फिल्म ‘क्रांति’ से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया। उन्होंने बताया कि फिल्म के एक शॉट के लिए परवीन बॉबी ने 66 रीटेक दिए थे। फिल्म की शूटिंग रात 2 बजे तक चली रही फिर भी मनोज कुमार ने अपना आपा नहीं खोया और शूटिंग करते रहे।

मनीष गोस्वामी ने विक्की लालवानी को दिए एक इंटरव्यू में मनोज कुमार के परफेक्शनिस्ट होने के बारे में खुलकर बात की। मनीष गोस्वामी ने कहा- मनोज कुमार ने कभी किसी चीज के लिए समझौता नहीं किया। यहां तक ​​कि अगर किसी सीन के लिए 30-40 या 50 रीटेक की भी जरूरत होती, तो भी वे इसके लिए तैयार रहते थे।

मनीष गोस्वामी ने फिल्म ‘क्रांति’ से जुड़ा एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि फिल्म के एक शॉट के लिए परवीन बॉबी ने 66 रीटेक दिए थे। मनीष ने कहा- हम लोग राजस्थान के जोधपुर के एक महल में शूटिंग कर रहे थे। फिल्म एक शॉट था, जिसमें परवीन बॉबी को दीवार पर हाथ उठाकर ‘क्रांति जिंदाबाद’ कहना था, लेकिन किसी कारण वह नहीं कर पा रही थीं जैसा शॉट मनोज कुमार चाहते थे। उन्होंने 66 रीटेक लिए और रात 2 बजे ओके शॉट हुआ। इतने रीटेक के बावजूद, कभी ऐसा क्षण नहीं आया जब फिल्म मनोज कुमार ने अपना आपा खोया हो। वह हमेशा शांत रहते थे, लेकिन उनमें बहुत दृढ़ विश्वास था।

मनीष गोस्वामी ने मनोज कुमार की फिल्म के सेट के माहौल की चर्चा करते हुए कहा- अगर मनोज कुमार ने माथे पर रुमाल बांधा हो तो इसका मतलब यह होता था कि वह दबाव में हैं। जब वह अपने माथे पर रूमाल बांधते थे तो इसका मतलब था कि यूनिट का कोई भी व्यक्ति उनसे पैकअप के बारे में नहीं पूछेगा। बेशक, ज्यादातर शूटिंग निर्धारित समय से होती थी।

मनोज कुमार के कजिन मनीष गोस्वामी

मनोज कुमार के कजिन मनीष गोस्वामी

मनीष गोस्वामी ने यह भी बताया कि मनोज कुमार समय के बहुत पाबंद थे। उन्होंने कहा- मनोज कुमार समय की पाबंदी के लिए बहुत सख्त थे, लेकिन उन्हें इन चीजों को संभालने का एक तरीका पता था। सुबह 9 बजे की शिफ्ट में जो समय से आता था। उसको समय से छोड़ देते थे , लेकिन अगर कोई सुबह 9 बजे की शिफ्ट में दोपहर 12 बजे आता था तो उसको तभी जाने के लिए कहते थे। जब उनको सही लगता था।

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