‘I will not whitewash, nor will I run away from the truth’ | ‘मैं कोई वाइटवॉश नहीं करूंगा, ना ही सच्चाई से भागूंगा’: मीना कुमारी की बायोपिक बना रहे डायरेक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा बोले- कई अनकहे सच खुलेंगे

Actionpunjab
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3 घंटे पहलेलेखक: किरण जैन

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डायरेक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा इन दिनों अपनी चर्चित प्रोजेक्ट, मीना कुमारी की बायोपिक को लेकर सुर्खियों में हैं, जो बॉलीवुड की ट्रेजिडी क्वीन और मशहूर एक्ट्रेस थीं। हाल ही में दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान, सिद्धार्थ ने इस फिल्म के बारे में कई अहम बातें साझा कीं।

सिद्धार्थ की मानें तो यह फिल्म पूरी तरह से मीना कुमारी के डायरी, उनके खत और पर्सनल नोट्स पर आधारित होगी और इसमें कई ऐसे पहलू सामने आएंगे जो अब तक पब्लिक के सामने नहीं आए थे।

फिल्म मीना कुमारी की डायरी और पर्सनल नोट्स पर आधारित होगी सिद्धार्थ ने बताया, ‘इस फिल्म की रिसर्च पर पिछले दो साल से काम चल रहा है और अब स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है। मीना कुमारी और कमाल अमरोही की फैमिली इस प्रोजेक्ट से जुड़ी हैं। सारेगामा के पास उनके गाने, अधूरे प्रोजेक्ट्स और डायरियां हैं। उनके हाथ से लिखे खत, नोट्स – ये सब हमारी रिसर्च का हिस्सा बने। फिल्म में वही दिखेगा जो मीना जी ने जिया और महसूस किया, यानी यह फिल्म उनकी कहानी, उनकी जुबानी है।’

मैं कोई सफेदी नहीं चढ़ाऊंगा, ना ही सच्चाई से भागूंगा वह आगे कहते हैं, ‘मैंने शुरू से ही साफ कह दिया था कि यह फिल्म किसी को बढ़ा-चढ़ा कर नहीं दिखाएगी। मैं दो इंसानों के रिश्ते की कहानी कह रहा हूं – जैसी थी वैसी। सच के साथ, रिस्पेक्ट के साथ। फैमिली ने स्क्रिप्ट सुनी है और हमें उनकी आशीर्वाद मिली हैं। मैं कोई वाइटवॉश नहीं करूंगा, ना ही सच्चाई से भागूंगा। फिल्म वही ईमानदार होती है जो सफेदी चढ़ाकर झूठ ना बोले।’

बहुत सी बातें ऐसी हैं जो अब तक पब्लिक में नहीं आई हैं इस प्रोजेक्ट के बारे में उन्होंने यह भी कहा, ‘बहुत सी बातें ऐसी हैं जो अब तक पब्लिक में नहीं आई हैं। डायरियों में लिखी गई पर्सनल फीलिंग्स, उनके खत – वो सब फिल्म में होंगे। आप देखोगे और सोचोगे, अरे यह भी था? यही सब तो इस फिल्म को अलग बनाएगा। भवानी अय्यर और कौसर मुनीर ने स्क्रिप्ट पर बहुत मेहनत की है। कास्टिंग पर काम चल रहा है और हम अगले साल शूटिंग शुरू करने की प्लानिंग में हैं।’

परिणीति चोपड़ा के साथ अभी शूटिंग चल रही है इन दिनों सिद्धार्थ, परिणीति चोपड़ा और जेनिफर विंगेट के साथ अपनी अगली थ्रिलर वेब सीरीज़ की शूटिंग में बिजी हैं, जो नेटफ्लिक्स के लिए बनाई जा रही है।

शिमला में चल रही इस सीरीज़ की शूटिंग जल्द ही खत्म हो जाएगी। सिद्धार्थ बताते हैं, ‘अभी शूटिंग चल रही है। अगले हफ्ते तक शूटिंग खत्म हो जाएगी। फिर एडिटिंग और बैकग्राउंड म्यूजिक का काम शुरू होगा। सीरीज़ पहले ही अनाउंस हो चुकी है, लेकिन जब सही मौका होगा, तभी हम इसके बारे में विस्तार से बात करेंगे।’

जेनिफर के साथ मेरा पुराना रिश्ता है जेनिफर विंगेट के साथ खास बॉंडिंग को लेकर सिद्धार्थ कहते हैं, ‘जेनिफर के साथ मेरा पुराना रिश्ता है। हमने साथ में ‘दिल मिल गए’ और ‘बेहद’ जैसे पॉपुलर शोज किए हैं। इतने सालों बाद उनके साथ फिर से काम करना मेरे लिए स्पेशल है। वह अब मेरी फेवरिट बन चुकी हैं।’

पहले टीवी कंटेंट बिल्कुल अलग था, अब वह बदल चुका है टीवी से करियर की शुरुआत करने वाले सिद्धार्थ मल्होत्रा आज के टीवी कंटेंट पर बेबाक राय रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘जब हम ‘संजीवनी’, ‘दिल मिल गए’ और ‘एक हसीना थी’ जैसे शोज बना रहे थे, तब टेलीविजन कंटेंट बिल्कुल अलग था। एक दिलचस्प कहानी, गहरी भावनाएं और जीवन की सच्चाई को दिखाने की कोशिश की जाती थी। लेकिन आजकल जो शोज बनते हैं, वो पूरी तरह से बदल चुके हैं।’

हर शो में एक लड़की को दिखाना जरूरी है जो छोटे शहर से आई हो वह मानते हैं कि आजकल के शोज ड्रामा और इमोशनल ट्विस्ट्स पर आधारित हो गए हैं। ‘हर शो में एक लड़की को दिखाना जरूरी है जो छोटे शहर से आई हो और हमेशा प्रेरणादायक हो। यही तो ट्रेंड है। हर शो में दो बहनों की कहानी होती है, या फिर एक लड़के और दो लड़कियों की। पहले की कहानियों में आत्मा थी, अब बस वही चलता है जो टीआरपी के लिए ठीक हो।’

टीआरपी सिस्टम के चलते सक्सेस के लिए समय नहीं मिलता टीआरपी सिस्टम को लेकर उन्होंने अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा, ‘पहले किसी शो को सफलता के लिए थोड़ा वक्त मिलता था, लेकिन अब हर हफ्ते परफॉर्मेंस चेक होती है। यदि शो पहले दो हफ्तों में ठीक नहीं चला, तो कोई भी निर्माता एक महीने तक इंतजार नहीं करता। और अगर आपके पास टीआरपी है, तो ही शो को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।’

ओटीटी ने टीवी को बड़ी चुनौती दी है सिद्धार्थ ने माना कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने टीवी को बड़ी चुनौती दी है। ‘ओटीटी ने पूरी तरह से नई दिशा दी है। अब लोग कहीं भी, कभी भी कुछ भी देख सकते हैं। ओटीटी ने ऑडियंस के सामने बेहतरीन कंटेंट रखा, जिससे टीवी को एक नई चुनौती मिली है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि टीवी को पूरी तरह से बदलना चाहिए। यहां भी बदलाव की जरूरत है, लेकिन अपने पुराने दौर से कुछ सीखते हुए।’

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