प्रताप नगर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार वर्ष 2024 में कैंसर से प्रदेश के 560 लोगों की जान गई है। वहीं, इस साल के तीन माह में 243 जान गंवा चुके हैं। इंस्टीट्यूट के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा घातक लंग्स कैंसर है। 15 माह में 42 तरह के कैंस
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भास्कर एक्सप्लेनर- धूम्रपान के धुएं के संपर्क में आना भी खतरनाक
- स्मोकिंग लंग्स कैंसर का प्रमुख कारण माना जाता है। घर या काम पर धूम्रपान से निकलने वाले धुएं के संपर्क में आने वालों को भी कैंसर का खतरा रहता है। सेकंड हैंड स्मोकिंग से भी फेफड़ों के कैंसर के मामले बढ़े हैं। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट (एनसीआई) की रिपोर्ट के मुताबिक धूम्रपान से पुरुषों में फेफड़ों के कैंसर के 10 में से नौ और महिलाओं में 10 में से आठ मामले सामने आते हैं।
- अंधाधुंध हो रहे पेस्टीसाइड के इस्तेमाल से गाल ब्लेडर कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं।
ऐसे बच सकते हैं… स्मोकिंग नहीं करें और न ही सेकंड हैंड धूम्रपान के संपर्क में आएं। फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें। सप्ताह में कम से 150 मिनट के व्यायाम का लक्ष्य रखें। (भास्कर एक्सपर्ट : डॉ. संदीप जसूजा, अधीक्षक, स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट जयपुर)

