दो दिन पहले जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS) के सर्जरी वार्ड में छत का हिस्सा गिरने की घटना पर आखिरकार सीएम को दखल देना पड़ा। जिस घटना को हॉस्पिटल के अधीक्षक, प्रिंसिपल सामान्य घटना मानकर मामले को दबाने का प्रयास कर रहे थे उस मामले में अब जिम्मेदा
.
सरकार के इस निर्णय से ये सवाल खड़े हो रहे है कि क्या मंत्री या उच्च स्तर के अधिकारी इतनी बड़ी लापरवाही को देखकर भी अनदेखा क्यों कर रहे है? इससे पहले सीएम के दखल पर ही राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज में एसी के मामले में हॉस्पिटल अधीक्षक समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की थी।
दो मरीजों के लगी थी गंभीर चोट
1 मई को सुबह सर्जरी विभाग के 3H वार्ड में छत का एक बड़ा हिस्सा गिर गया था, जिससे वहां भर्ती दो मरीजों के गंभीर चोटे आई थी। एक मरीज के तो चेहरा कई जगह से फट गया था, जिसके बाद उसे ऑपरेशन थिएटर में ले जाकर टांके लगाए गए थे, जबकि दूसरे मरीज के भी चेहरे पर चोट आने के बाद उसके टांके लगाए गए थे। इस पूरी घटना को हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी ने सामान्य मानकर दबाने में जुटे थे। न उन्होंने इस मामले पर जांच करवाना उचित समझा और न ही कोई एक्शन लेना।
मंत्री भी मौन
इस बड़ी घटना के बाद मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के अलावा विभाग के उच्च स्तर के अधिकारी भी मौन रहे। मेडिकल कॉलेज के प्रिसिंपल ने भी इस घटना को सामान्य मानते हुए इसे दबाने का प्रयास किया। लेकिन जब मामला सीएमओ तक पहुंचा और कल देर शाम को मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विभाग के कार्यो का रिव्यू किया तो उन्होंने इस घटना पर बेहद नाराजगी जताई।
मुख्यमंत्री की मिटिंग के तुरंत बाद चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार घटना स्थल वाले वार्ड और हॉस्पिटल के अन्य जगहों का दौरा करने पहुंचे। जिसके बाद देर रात को जिम्मेदार अधिकारियों को पद से हटाया गया। इसमें प्रथम दृष्टया वित्तीय प्रबंधन के दोषी मुख्य लेखाधिकारी सियाराम मीणा को हटाया गया। वहीं मेंटिनेंस की दोषी PWD की AEN अंजू माथुर को SMS हॉस्पिटल से हटाकर इन दोनों ही अधिकारियों को मूल विभाग भेजा गया। वहीं SMS में PWD का काम देखने वाले मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. राशिम कटारिया को भी पद से हटाया गया।
जयपुर सीएमएचओ को भी हटाया
जयपुर सीएमएचओ द्वितीय डॉ. हंसराज बधालिया को भी पद से हटाया गया। डॉ. बधालिया की लंबे समय से चिकित्सा विभाग में शिकायतें मिल रही थी कि उनके क्षेत्र में न तो पीएचसी, सीएचसी में कोई ठीक काम हो रहा और न वे आमजनता और जनप्रतिनिधियों का फोन उठा रहे। यही नहीं उनके यहां भ्रष्टाचार होने की शिकायत भी मिली थी। ये शिकायतें भी मंत्री के स्तर तक पहुंची थी, लेकिन तब भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसे देखते हुए सीएम के स्तर पर कार्यवाही के निर्देश दिए और डॉ. बधालिया को हटाकर उनकी जगह डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सुरेन्द्र गोयल को चार्ज दिया गया।
इसी तरह सीएमएचओ प्रथम डॉ. रवि शेखावत की भी कई शिकायतें विभाग में जा चुकी है, लेकिन अब तक उन पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। डॉ. शेखावत के खिलाफ टेंडर में मिलीभगत करने की कई शिकायतें हुई है।