बेंगलुरु6 मिनट पहले
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भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय और रिपब्लिक टीवी के जर्नलिस्ट अर्नब गोस्वामी के खिलाफ कांग्रेस ने FIR की है। दोनों पर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप है।
अमित मालवीय ने 17 मई को ‘X’ पर अर्नब गोस्वामी एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वो बता रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी का तुर्किये में रजिस्टर्ड ऑफिस है। मालवीय ने लिखा- राहुल गांधी को बताना चाहिए कि ऐसा करने की जरूरत क्यों पड़ी। यह हैरान और समझ से बाहर का मामला है। देश को इसका सच जानने का हक है।
इसी वीडियो को लेकर शिकायत में कहा गया है कि ऐसा सोची-समझी रणनीति के तहत देश की जनता को गुमराह और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के लिए किया गया है। यह लोगों की भावनाओं को भड़काने, देश की सुरक्षा और लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है।
अर्नब गोस्वामी का वीडियो, जिसे मालवीय ने शेयर किया था
BNS की धारा 192 और 352 के तहत बेंगलुरु में केस दर्ज भारतीय युवा कांग्रेस के लीगल सेल प्रमुख प्रमुख श्रीकांत स्वरूप बी एन की शिकायत पर हाई ग्राउंड पुलिस स्टेशन बेंगलुरु में केस दर्ज किया गया है। BNS की धारा 192 (जानबूझकर दंगा भड़काने की मंशा से भड़काऊ जानकारी देना) और धारा 352 (जानबूझकर अपमान करके शांति भंग करना) के तहत मामला दर्ज हुआ है।
शिकायत में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, CBI और अन्य एजेंसियों से अपील की गई है कि इसे आपात स्थिति की तरह गंभीरता से लिया जाए।
भारत-पाक तनाव में तुर्किये ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव बढ़ा, तो तुर्किये-अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया। भारत के खिलाफ इस्तेमाल के लिए पाकिस्तान को ड्रोन्स-हथियार और इन्हें चलाने वाले ट्रेंड लोग भी भेजे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ से फोन पर कहा-मैं हमलों में जान गंवाने वाले अपने भाइयों के लिए अल्लाह से रहम की दुआ करता हूं और पाकिस्तान के भाईचारे वाले लोगों और देश के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच की सिफारिश का भी समर्थन किया। 10 मई को सीजफायर के बाद शहबाज शरीफ ने एर्दोगन को मदद करने के लिए शुक्रिया अदा किया।
इसके बाद देशभर में बॉयकॉट तुर्किये और बॉयकॉट अजरबैजान शुरू हो गया है।
तुर्किये का बॉयकॉट करने के लिए पांच बड़े कदम
- भारत के ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म जैसे कि ईजमाईट्रिप और इक्सिगो ने सुरक्षा जोखिम और राजनीतिक तनाव का हवाला देते हुए तुर्किये और अजरबैजान की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की है।
- भारत के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ अपने समझौते को निलंबित कर दिया। AMU ने भी शैक्षिक संबंध खत्म किए।
- पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से सेब खरीदना बंद करने का फैसला किया है। इसके बजाय वे हिमाचल, उत्तराखंड, ईरान और अन्य क्षेत्रों से सेब खरीद रहे हैं। उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स एसोसिएशन ने मार्बल का आयात रोकने का सरकार से आग्रह किया है। कानपुर के व्यापारियों ने 80% ऑर्डर कैंसिल कर दिया है। जयपुर के कारोबारियों ने करोड़ों के ऑर्डर रोक दिया है।
- अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स ने मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट और अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग सर्विसेज के लिए तुर्किए की फर्म सेलेबी के साथ अपनी पार्टनरशिप खत्म कर दी है।
- भारत में तुर्किये का बॉयकॉट लगातार बढ़ता जा रहा है। ट्रैवल एजेंसियों और व्यापारी संगठनों के बाद देश के प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मिंत्रा और रिलायंस की स्वामित्व वाली Ajio ने भी तुर्किये का प्रोडक्ट बेचना बंद कर दिया है। इन प्लेटफॉर्म्स पर ये ब्रांड अब आउट ऑफ स्टॉक हो गए हैं।
भारत-तुर्किये व्यापार: सेब का सबसे बड़ा सप्लायर तुर्किये
बीते 5 साल में दोनों देशों के बीच व्यापार में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है। अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्किये को 5.2 अरब डॉलर (₹44,500 करोड़) का सामान बेचा। 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर (56,873 करोड़ रुपए) था।

इस दौरान भारत ने तुर्किये से 2.84 अरब डॉलर (करीब 24,320 करोड़) का सामान खरीदा। दोनों देशों के बाइलेट्रल ट्रेड में भारत हमेशा ट्रेड सरप्लस रहा है। यानी हमने तुर्किये से सामान खरीदने के मुकाबले बेचा ज्यादा है।
भारत मुख्य रूप से मिनरल फ्यूल्स, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स और कपास का निर्यात करता है। हालांकि, तुर्किये से आयात में सोना, संगमरमर, सेब, सब्जियां, सीमेंट और रसायन शामिल हैं। तुर्किये भारत को सेब के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है।
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