लखनऊ में विदेशी लड़कियों की स्पा सेंटर में सप्लाई करने वाली लोला कायूमोवा लगातार पुलिस को चकमा देती रही और पुलिस पकड़ नहीं सकी। एलआईयू से लेकर थाना पुलिस उसके बनाए फर्जी कागजों को पकड़ नहीं सकी। नजीता उसने फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट से अपने किराएदारी का
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कथित पति घर छोड़कर है फरार
सेक्स रैकेट से जुड़ी लोला ने जिसे अपने पति/ पिता के रूप में (जरूरत के हिसाब से) बताती है, उसका परिवार राजाजीपुरम की तुलसी विहार कालोनी में रहता है। यही पता उसके नकली आधार से लेकर ड्राइविंग लाइसेंस तक में लिखा है। पुलिस की टीम जब दिए पते पर पहुंची तो जानकारी हुई कि वह घर से फरार है। वहीं दो दिनों से उसका परिवार भी नहीं है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जनक के माध्यम से ही पुलिस लोला और त्रिजिन के करीब होने का दावा कर रही है। जबकि वह खुद विदेशी लड़कियों के सेक्स रैकेट में मदद कर रहा था और कमीशन पर बुकिंग देता था।
फ्लैट किराए लेने पर पुलिस से कराया सत्यापन लोला ने ओमेक्स आर-टू में अनूप कुमार श्रीवास्तव का फ्लैट किराए पर लिया था। जिसके लिए उसने जनक प्रताप सिंह नामक का मैरिज सर्टिफिकेट का इस्तेमाल किया। जिसके आधार पर ही लोला ने अपने फर्जी दस्तावेज बनवाए, फिर पुलिस वैरिफिकेशन करा लिया। इससे साफ है कि पुलिस ने मौके का मुआयना तो दूर लोला के विषय में जानकारी जुटाना भी सही नहीं समझा। डीसीपी दक्षिणी निपुल अग्रवाल ने बताया कि पुलिस की टीम लोला, डा. विवेक गुप्ता और त्रिजनराज की तलाश में लगी हुई है। उसने कौन से दस्तावेज कैसे बनवाए हैं, इसकी भी पतड़ताल की जाएगी।
इस हफ्ते तक दोनों विदेशी लड़कियां होंगी डिपोर्ट डीसीपी ने बताया कि पकड़ी गई दोनों उज्बेकिस्तान की युवतियों की एलआईयू की तरफ से फिंगर प्रिंट से लेकर दस्तावेज से जुड़े काम पूरे हो गए हैं। कुछ ही दिनों में नियमानुसार डिपोर्ट कर दिया जाएगा।
डॉक्टर क्रिप्टो करेंसी में लेता था फीस

डॉ. विवेक गुप्ता को पुलिस पूछताछ के लिए नोटिस भेज रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जांच में आया है कि डॉक्टर ने लोला से प्लास्टिक सर्जरी के लिए क्रिप्टो करेंसी में फीस ली है, हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। इसके पीछे लोला के क्रिप्टो करेंसी में कई लेन देने किए हैं। इसके चलते इस बिंदु से भी पड़ताल की जा रही है। क्योंकि एक बार ओमेक्स आर्चिड आर-1 में रहने के दौरान पड़ोसियों ने पुलिस से उसके सेक्स रैकेट में जुड़े होने की शिकायत की थी। जिस पर पुलिस ने जांच के लिए थाने बुलवाया था। जांच के दौरान उसके मोबाइल में क्रिप्टो वॉलट लोड मिला था। उसने भी क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करने की बात कही थी।
प्लास्टिक सर्जरी करने वाला डॉक्टर अभी भी फरार

विदेशी लड़कियों से प्लास्टिक सर्जरी के नाम पर ज्यादा फीस ली।
उज्बेकिस्तान से आई युवतियों की प्लास्टिक सर्जरी करने वाले डॉ. विवेक गुप्ता अभी भी फरार है। उसके क्लीनिक पर मरीजों को अगली डेट कर लौटाया जा रहा है। वहीं पुराने मरीजों को जूनियर डॉक्टर देख रहे हैं। वह डॉक्टर के विषय में कुछ नहीं बोल रहे हैं।