नई दिल्ली3 घंटे पहले
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वाइटहाउस ने वॉट्सएप के तीनों वर्जन- मोबाइल, डेस्कटॉप और वेब पर प्रतिबंध लगाय है।
अमेरिका में सरकारी डिवाइसेस पर वॉट्सएप यूज करने पर बैन लगा दिया गया है। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (भारत में लोकसभा की तरह निचला सदन) के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर (CAO) ने एक आदेश जारी किया, जिसमें लिखा था ‘वॉट्सएप को अब किसी भी सरकारी डिवाइस पर यूज नहीं किया जा सकता। इसमें एप के तीनों वर्जन- मोबाइल, डेस्कटॉप और वेब शामिल हैं।’
नोटिफिकेशन बताया गया कि, अगर किसी स्टाफ के फोन में वॉट्सएप इंस्टॉल है, तो उसे तुरंत डिलीट किया जाए। इतना ही नहीं, आदेश में अनजान नंबरों से आने वाले मैसेज या फिशिंग स्कैम से सावधान रहने की चेतावनी भी दी गई। आदेश में स्टाफ को वॉट्सएप की जगह दूसरी मैसेजिंग एप्स यूज करने की सलाह दी गई है।
वॉट्सएप को हाई-रिस्क मानने की 3 वजहें
- डेटा प्रोटेक्शन में ट्रांसपेरेंसी की कमी: वॉट्सएप ये साफ नहीं करता कि यूजर का डेटा कैसे प्रोटेक्ट होता है। यानी, आप जो मैसेज भेजते हैं, उसका क्या होता है, ये पूरी तरह क्लियर नहीं है।
- स्टोर्ड डेटा एनक्रिप्शन का अभाव: वॉट्सएप के मैसेज भले ही एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड हों, लेकिन जो डेटा स्टोर होता है, उसमें एनक्रिप्शन की कमी बताई गई। इससे डेटा लीक का खतरा हो सकता है।
- सिक्योरिटी रिस्क: वॉट्सएप के यूजर डेटा हैंडलिंग के तरीके में कुछ कमियां हैं, जिससे साइबर अटैक का डर है।

इसी साल जनवरी में सिक्योरिटी पर सवाल उठाए थे
इससे पहले इसी साल जनवरी में वॉट्सएप ने खुद कबूल किया था कि इजरायली स्पायवेयर कंपनी पैरागॉन सॉल्यूशंस ने इसके कई यूजर्स, खासकर जर्नलिस्ट्स और सिविल सोसाइटी मेंबर्स को टारगेट किया था। इस घटना ने वॉट्सएप की सिक्योरिटी पर सवाल उठाए थे।
मेटा का दावा- हमारा डेटा सिक्योरिटी सिस्टम बेहतर
मेटा ने इस बैन पर विरोध जताया है। कंपनी के स्पोक्सपर्सन एंडी स्टोन ने रॉयटर्स से कहा, ‘हम इस फैसले से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। वॉट्सएप में डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन है, जो इसे दूसरी मैसेजिंग एप्स से ज्यादा सिक्योर बनाता है।’
मेटा का दावा है कि वॉट्सएप की सिक्योरिटी लेवल उन एप्स से बेहतर है, जिन्हें हाउस ने अल्टरनेटिव के तौर पर सुझाया है। स्टोन ने ये भी कहा कि हाउस और सीनेट के कई मेंबर्स वॉट्सएप यूज करते हैं, और वो चाहते हैं कि हाउस के मेंबर्स भी इसे ऑफिशियली यूज करें।
अमेरिका संसद में ये एप्स भी बैन
- 2022 में टिकटॉक को भी स्टाफ डिवाइसेज से हटाया गया था, क्योंकि इसका चीनी पैरेंट कंपनी बाइटडांस से कनेक्शन था और डेटा सिक्योरिटी को लेकर चिंता थी।
- डीपसीक जैसे AI प्रोग्राम्स और माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट पर भी हाउस ने कुछ पाबंदियां लगाई हैं।
- चैटजीपीटी के फ्री वर्जन को भी बैन किया गया है और सिर्फ पेड वर्जन (चैटजीपीटी प्लस) इस्तेमाल करने की इजाजत है।
मेटा और अमेरिकी सरकार में तनातनी
वॉट्सएप का बैन सिर्फ सिक्योरिटी इश्यू तक सीमित नहीं है। मेटा और अमेरिकी सरकार के बीच पहले से तनाव चल रहा है। अमेरिकी फेडरल ट्रेड कमिशन (FTC) मेटा के खिलाफ एक मुकदमा चला रही है, जिसमें कंपनी पर मोनोपॉली (एक छत्र राज) का आरोप लगाया गया है। इस केस का फैसला अभी आना बाकी है।
इसके अलावा, मेटा CEO मार्क जुकरबर्ग की हाल में प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों से नजदीकी बढ़ रही है। इससे मेटा के कुछ कर्मचारी नाराज हैं। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 40 से ज्यादा मेटा कर्मचारियों ने जुकरबर्ग के इस ‘पॉलिटिकल शिफ्ट’ पर सवाल उठाए हैं। कुछ तो उन्हें ‘मेगा मार्क’ (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) कहकर तंज कस रहे हैं। मेटा ने ट्रंप के उद्घाटन फंड में $1 मिलियन (₹8.61 करोड़) का डोनेशन भी दिया है।
दुनियाभर में 48 करोड़ से ज्यादा वॉट्सऐप यूजर्स
दुनियाभर में इसके 2 अरब से भी ज्यादा यूजर्स हैं। वहीं, भारत में करीब वॉट्सएप के करीब 48.9 करोड़ यूजर हैं। वॉट्सएप को साल 2009 में लॉन्च किया गया था। 2014 में फेसबुक ने वॉट्सएप को 19 बिलियन डॉलर में खरीदा था।
