कॉमेडियन जसविंदर भल्ला का 22 अगस्त को सुबह निधन हुआ। (फाइल)
पंजाब के कॉमेडी किंग जसविंदर भल्ला का आज (23 अगस्त) को मोहाली में अंतिम संस्कार होगा। भल्ला का कल, शुक्रवार को 65 साल की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक से निधन हो गया था। लुधियाना के छोटे से कस्बे दोराहा में 4 मई 1960 को उनका जन्म हुआ था। उनके पिता बहादुर सि
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उन्होंने शुरुआती पढ़ाई दोराहा से की। इसके बाद लुधियाना की पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) से उच्च शिक्षा ली। PAU से उन्होंने 1982 में BSc (कृषि) ऑनर्स और 1985 में MSc (एक्सटेंशन एजुकेशन) की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से PHD की।
इसके बाद उन्होंने कृषि विभाग में इंस्पेक्टर की नौकरी भी की, लेकिन 1989 में उन्हें उसी PAU में एक्सटेंशन एजुकेशन विभाग में लेक्चरर की जॉब मिल गई, जहां कभी वे खुद पढ़े थे। इस दौरान वह पंजाबी म्यूजिक और फिल्मों में भी एक्टिव रहे।
PAU से उनकी रिटायरमेंट गुपचुप ढंग से हुई। दरअसल, वह साल 2020 में सेवामुक्त हुए, उस वक्त कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ था। इस वजह से उनकी विदाई पार्टी भी नहीं हो सकी थी।

1988 में शुरू हुई भल्ले-बाले की जोड़ी जसविंदर भल्ला का कॉमेडी से नाता कॉलेज के समय से शुरू हुआ। पहले वे सिर्फ 15 अगस्त व 26 जनवरी को कॉलेज में होने वाले कार्यक्रमों में कॉमेडी किया करते थे। 1988 में उन्होंने अपने दोस्त बाल मुकुंद शर्मा और नीलू शर्मा के साथ अपने सबसे चर्चित कॉमेडी सीरीज छणकाटा की शुरुआत की।
हालांकि बाल मुकुंद से उनकी दोस्ती 1977 की है। दोनों इकट्ठे पढ़े और कॉमेडी भी की। छणकाटा सीरियल से भल्ले (जसविंदर भल्ला) और बाले (बालमुकुंद) की जोड़ी लोगों के दिलों में पहुंच गई। उनका किरदार चाचा चतरा लोगों को इतना पसंद आया कि सभी उनके असली नाम की जगह इन्हें चाचा चतरा ही कहते थे।
पुलिस सिस्टम हों या नेता, सभी को व्यंग करते थे जसविंदर भल्ला व उनके साथियों ने कॉमेडी सिरीज छणकाटा की 27 ऑडियो-वीडियो एल्बम बनाईं। 2009 में छणकाटा का अंतिम शो मिट्ठे पोचे रिलीज हुआ। ये वे दौर था, जब कैसेट, वीसीआर और सीडी अपने अंतिम दिनों में थे। उस वक्त आईटी में बड़ा बदलाव हो रहा था। अपनी इस 27 एल्बमों में उन्होंने पुलिस, सरकारी सिस्टम और नेताओं को भी नहीं छोड़ा। सभी पर व्यंग्य किए और सामाजिक संदेश भी दिया।

10 साल बाद चाचा चतरा उतरे छोटे पर्दे पर चाचा चतरा 10 साल तक सिर्फ कैसेट्स के मध्यम तक अपने फैंस तक पहुंच रहे थे। 1998 में जसविंदर भल्ला ने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उस दौर में पंजाबी इंडस्ट्री में मात्र लड़ाई, जमीनी झगड़ों आदि से संबंधित फिल्में ही बनती थी। ऐसे में जसविंदर भल्ला ने पहली फिल्म दुल्ला भट्टी की। सीरियस फिल्मों में उनके डायलॉग की टाइमिंग व स्टाइल सीरियस ऑडियंस को भी लोटपोट कर देती थी।
इसके बाद जसविंदर लल्ला ने महौल ठीक है, चक्क दे फट्टे, कैरी ऑन जट्टा, डैडी कूल-मुंडे फूल, जट्ट एंड जूलियट, सरदार जी जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया। इनमें अधिकतर कॉमेडी फिल्में थी। उनकी कॉमिक टाइमिंग और अलग अंदाज ने उन्हें पंजाबी सिनेमा का सबसे लोकप्रिय हास्य अभिनेता बना दिया।
फिल्मों में कॉमेडी की टाइमिंग बेहतरीन रही पंजाबी सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता जसविंदर भल्ला अपनी बेहतरीन टाइमिंग और दिल छू लेने वाले अभिनय के लिए जाने जाते हैं। भल्ला ने अपनी कॉमेडी से दर्शकों को न केवल हंसाया है बल्कि पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों को भी बड़े ही हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया है।

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पंजाब के कॉमेडी किंग डॉ. जसविंदर भल्ला (65) का शुक्रवार को देहांत हो गया। 20 अगस्त को डॉ. जसविंदर भल्ला को ब्रेन स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उन्हें मोहाली के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया। रात से उनकी तबीयत ज्यादा खराब थी। शुक्रवार सुबह करीब चार बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पढ़ें पूरी खबर…
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी जसविंद्र भल्ला के साथ काम किया है। भल्ला के निधन के बाद भगवंत मान उनके मोहाली फेज-7 वाले घर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पुरानी यादें ताजा कीं। भगवंत मान ने बताया कि भल्ला का मशहूर गाना ‘छणकाटा’ 1988 में आया था। उस समय मैं 8वीं या 9वीं कक्षा में पढ़ता था। पढ़ें पूरी खबर…