राजस्थान मूल के क्लीनटेक स्टार्टअप ‘रीग्रिप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा देश के सबसे बड़े सतत वेस्ट-टू-एनर्जी टायर रीसाइक्लिंग प्लांट की डिजिटल आधारशिला रखी गई।
राजस्थान भारत की क्लीन-टेक क्रांति में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। राजस्थान मूल के क्लीनटेक स्टार्टअप ‘रीग्रिप इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा देश के सबसे बड़े सतत वेस्ट-टू-एनर्जी टायर रीसाइक्लिंग प्लांट की डिजिटल आधारशिला रखी गई। इस कार्यक
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इस कार्यक्रम का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा, बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी ने किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि राजस्थान हमेशा से ही नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाली भूमि रही है। प्रदेश सरकार की दूरदर्शी नीतियां और संसाधनों से भरपूर स्टार्टअप इकोसिस्टम उद्यमियों को सशक्त बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। राइजिंग राजस्थान पहल के तहत, और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के नवाचार कार्यक्रमों द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप रीग्रिप, इस बात का उदाहरण है कि राज्य-प्रेरित औद्योगिक नीति कैसे राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि राजस्थान हमेशा से ही नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाली भूमि रही है।
उन्होंने आगे कहा कि रीग्रिप द्वारा स्थापित देश का सबसे बड़ा टायर रीसाइक्लिंग प्लांट न केवल पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि यह राजस्थान को भारत की टायर-टू-एनर्जी क्रांति के केंद्र में स्थापित कर रहा है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत और विकसित भारत के विजन की ओर एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली कदम है।
इस अवसर पर सुनील शेट्टी ने कहा कि टायर वेस्ट सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भारत की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। रीग्रिप पैमाने, तकनीक और प्रभाव के साथ इसका समाधान पेश कर रहा है। यह प्लांट सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं है, यह एक मजबूत संदेश है कि भारत किस तरह वेस्ट को अवसर में बदल सकता है। तुषार सुहालका ने बताया कि आधारशिला’ सिर्फ एक कार्यक्रम से कहीं बढ़कर है। यह भारत के टायर-न्यूट्रल भविष्य की नींव है। हमें गर्व है कि राजस्थान इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जहां देश का सबसे बड़ा लाइसेंस प्राप्त कंटिन्युअस पाइरोलिसिस प्लांट स्थापित किया जा रहा है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे पूरे भारत में दोहराया जा सकता है।