Jaishankar said – there are some problems between India and America | जयशंकर बोले- भारत और अमेरिका के बीच कुछ समस्याएं: इतना बढ़ा-चढ़ाकर नहीं देखें कि रिश्ते प्रभावित हों; ट्रम्प का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाना भी गलत

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नई दिल्ली15 मिनट पहले

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जयशंकर रविवार को दिल्ली में आयोजित चौथे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में बोल रहे थे। - Dainik Bhaskar

जयशंकर रविवार को दिल्ली में आयोजित चौथे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में बोल रहे थे।

विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने रविवार को भारत-अमेरिका संबंधों पर बात करते हुए माना कि दोनों देशों के बीच कुछ समस्याएं हैं। उन्होंने कहा- व्यापार वार्ता में अभी सहमति नहीं बनी है, जिससे अमेरिका ने भारत पर टैरिफ लगाया गया।

जयशंकर दिल्ली में आयोजित चौथे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका ने एक और टैक्स (एक्स्ट्रा टैरिफ) लगाया है, जिसे भारत गलत मानता है। उन्होंने कहा-

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कई अन्य देश भी रूस से तेल खरीदते हैं, लेकिन अमेरिका ने विशेष रूप से भारत को ही निशाना बनाया है।

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विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका को अपने व्यापार के विवाद बातचीत से सुलझाने चाहिए ताकि दोनों देशों के रिश्ते मजबूत रहें। उन्होंने कहा कि समस्याएं हैं, लेकिन हम इन्हें समझदारी से हल करने की कोशिश कर रहे हैं।

विदेश मंत्री की 3 बड़ी बातें…

1. अमेरिका-चीन संबंध वैश्विक राजनीति की दिशा तय करेंगे

अमेरिका-चीन संबंध कई तरह से वैश्विक राजनीति की दिशा तय करेंगे। उन्होंने बताया कि अमेरिका अब पहले से ज्यादा सक्रिय है और अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखकर साझेदारी और सहयोग की नीतियां बना रहा है।

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चीन ऐसे समय में यह बदलाव देख रहा है जब कई नए विचार, व्यवस्थाएं और संस्थाएं जो वह आगे बढ़ा रहा था, अभी पूरी तरह लागू नहीं हुई हैं।

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2. दुनिया की अर्थव्यवस्था में कई घटनाएं एक साथ हो रही

आज दुनिया की अर्थव्यवस्था में कई घटनाएं एक साथ हो रही हैं, जिससे एक उलझी हुई स्थिति बन रही है। एक तरफ यह घटनाएं जोखिम लेने को बढ़ावा देती हैं, लेकिन दूसरी तरफ इसके नतीजों के कारण राजनीति और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश भी हो रही है।

3. आज यूरोप की स्थिति उलट गई

यूरोप के मामले में पहले एक संतुलन था। अमेरिका सुरक्षा देता था, रूस ऊर्जा देता था और चीन व्यापार करता था। लेकिन आज यह स्थिति उलट गई है और इन सभी क्षेत्रों में अब चुनौती बन गई है।

8 सितंबर- ट्रेड पॉलिसी निष्पक्ष और सबके फायदे वाली हो

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 सितंबर को ब्रिक्स समिट की इमरजेंसी वर्चुअल समिट में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा था- ट्रेड पॉलिसी निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के फायदे वाली होनी चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा था कि दिक्कतें खड़ी करने और लेन-देन को मुश्किल बनाने से कोई फायदा नहीं मिलेगा। व्यापार को हमेशा सुगम बनाना चाहिए। वर्चुअल समिट में चीन के राष्‍ट्रपत‍ि शी ज‍िनपिंग, रूस के राष्‍ट्रपत‍ि व्‍लाद‍िमीर पुत‍िन, ब्राजील के राष्‍ट्रपत‍ि लूला डि स‍िल्‍वा भी शामिल हुए थे।

पीयुष गोयल ने कहा था- नवंबर तक फाइनल हो जाएगी डील

इससे पहले केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने अमेरिका के साथ ट्रेड डील होने की उम्मीद जताई थी। 2 सितंबर को पियूष गोयल ने एक वैश्विक निवेशक सम्मेलन में कहा मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द ही पटरी पर लौट आएंगी और हम नवंबर तक बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को अंतिम रूप दे देंगे।

भारत पर कुल 50% अमेरिकी टैरिफ लगा

ट्रम्प ने 30 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ का ऐलान किया था। यह 7 अगस्त को लागू हुआ था। इससे एक दिन पहले यानी 6 अगस्त को उन्होंने रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था, जो 27 अगस्त से लागू हुआ।

ट्रम्प का कहना था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर खुले मार्केट में बेच रहा है। इससे पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

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