Rajasthan Petrol Diesel Robbery Gang Exposed; Jodhpur Oil Depot | Tankers | पेट्रोल चुराकर टैंकर में थिनर-केरोसिन भर देता है गैंग: असली तेल किराणा दुकानों पर बेच देते हैं, कैमरे पर एक्सपोज किया तो भास्कर रिपोर्टर पर हमला – Rajasthan News

Actionpunjab
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राजस्थान में गैंग टैंकरों से पेट्रोल-डीजल चुरा रही हैं। ऑयल डिपो से रवाना होने के बाद पंप पर पहुंचने से पहले गैंग के बदमाश गैरेज, झाड़ियों या सुनसान रास्तों पर ड्राइवरों की मिलीभगत से महज 15-20 मिनट में हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल चुरा लेते हैं।

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उसकी जगह एथेनॉल, थिनर और केरोसिन तेल मिलाकर तैयार किया 30 रुपए का मिलावटी पेट्रोल-डीजल भर देते हैं। 104 रुपए लीटर का असली पेट्रोल किराणा व्यापारियों और हाईवे पर बने वर्कशॉप को 60 रुपए लीटर के भाव में बेच दिया जाता है।

भास्कर रिपोर्टर ने पेट्रोल के लुटेरों को एक्सपोज करने के लिए 1 महीने तक जोधपुर सालावास स्थित ऑयल डिपो से पेट्रोल-डीजल सप्लाई करने वाले टैंकरों का पीछा किया तो ये हैरान कर देने वाला सच सामने आया।

इस दौरान गैंग ने रिपोर्टर की गाड़ी को भी पिकअप से टक्कर मारने की कोशिश की।

पढ़िए पूरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट…

टैंकर से पेट्रोल चोरी के लिए इस तरह ऊंचे गैरेज बना रखे हैं। बाहर से देखने पर किसी को पता नहीं चलता कि अंदर क्या चल रहा है। भास्कर ने ड्रोन उड़ाया तो पेट्रोल चोरी की ये तस्वीरें सामने आईं।

टैंकर से पेट्रोल चोरी के लिए इस तरह ऊंचे गैरेज बना रखे हैं। बाहर से देखने पर किसी को पता नहीं चलता कि अंदर क्या चल रहा है। भास्कर ने ड्रोन उड़ाया तो पेट्रोल चोरी की ये तस्वीरें सामने आईं।

टैंकर नंबर 1 : महज 15 मिनट में पानी की मोटर से तेल चुरा लिया

रिपोर्टर ने सबसे पहले टैंकर नंबर RJ13GB1370 का पीछा किया। टैंकर जैसे ही ऑयल डिपो से निकला, रिपोर्टर ने उसका गाड़ी से पीछा किया।

जोधपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर तिंवरी-ओसियां रोड पर टैंकर शिव शक्ति नाम के होटल के पास रुका। होटल के पास टीनशेड का गैरेज बना हुआ था। भास्कर टीम टैंकर पर नजर रखने के लिए होटल से दूर जाकर खड़ी हो गई।

15-20 मिनट बाद ड्राइवर होटल से बाहर आया। स्टाफ ने गैरेज का गेट खोल दिया। ड्राइवर टैंकर को गैरेज में ले गया। बाहर से गेट बंद कर दिया। गैरेज के दूसरी तरफ क्या चल रहा है, ये जानने के लिए हमने ड्रोन उड़ाया।

ड्राइवर और उसके साथी तेल चुराने के लिए स्पेशल चाबी से टैंकर के ढक्कन खोल रहे थे। ढक्कर खोलने के बाद एक पाइप ड्रम में डाला। फिर पानी की मोटर से टैंकर से 2 से 3 हजार लीटर तेल निकालकर पास रखे ड्रम में भर लिया।

इसके बाद वहीं पर पड़े एक और ड्रम में रखा मिलावटी तेल वापस टैंकर में भर दिया। पूरे प्रोसेस में महज 15 मिनट लगे। इसके बाद टैंकर गैरेज से बाहर आ गया और बाहर खड़ा दूसरा टैंकर तेल चोरी के लिए अंदर पार्क कर दिया। ये सबकुछ ड्रोन के कैमरे में रिकॉर्ड हो गया।

इस तरह पाइप लगाकर महज 15-20 मिनट में 2 से 3 हजार लीटर तेल चुरा लिया जाता है।

इस तरह पाइप लगाकर महज 15-20 मिनट में 2 से 3 हजार लीटर तेल चुरा लिया जाता है।

टैंकर नंबर 2 : ड्राइवर ने अपने साथियों को बुलाया, रिपोर्टर की कार को टक्कर मारने की कोशिश

5 दिन बाद रिपोर्टर ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम के डिपो से निकले एक और टैंकर RJ04GC 5559 का पीछा किया। टैंकर बाड़मेर हाईवे की तरफ जा रहा था।

60 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद ड्राइवर को शक हो गया। उसने कल्याणपुर के पास टैंकर रोक दिया। ड्राइवर ने किसी को फोन किया। कुछ देर बाद एक बाइक सवार वहां आया। टैंकर ड्राइवर से कुछ बात की और वहां से चला गया।

करीब एक घंटे कल्याणपुर में रुकने के बाद टैंकर ड्राइवर रवाना हो गया। रिपोर्टर फिर से टैंकर का पीछा करने लगा। थोड़ी दूर चलने के बाद एक पिकअप आई। ड्राइवर ने पिकअप आगे लगाकर रिपोर्टर की कार रोकने की कोशिश की। पिकअप में कई बदमाश सवार थे।

रिपोर्टर ने नहीं रोकी तो पिकअप ड्राइवर ने कार को टक्कर मारने की कोशिश की। रिपोर्टर ने कार कुछ दूरी पर बने पेट्रोल पंप पर रोकी और पुलिस को फोन किया। पुलिस के पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही पिकअप में सवार बदमाश वहां से भाग गए।

रिपोर्टर ने पुलिस को सूचना दी तो पिकअप सवार बदमाश भाग गए। पीछे बचे एक शख्स ने चोरों को पकड़ने का बहाना बनाया तो पुलिस ने उसे पाबंद किया कि तुम राह चलते लोगों को रुकवा कैसे सकते हो।

रिपोर्टर ने पुलिस को सूचना दी तो पिकअप सवार बदमाश भाग गए। पीछे बचे एक शख्स ने चोरों को पकड़ने का बहाना बनाया तो पुलिस ने उसे पाबंद किया कि तुम राह चलते लोगों को रुकवा कैसे सकते हो।

टैंकर नंबर 3 : डिपो से महज 200 मीटर दूर झाड़ियों की आड़ में तेल चोरी

रिपोर्टर ने 10 दिन बाद एक और टैंकर RJ19 GH1137 का पीछा किया। ड्राइवर ने इंडियन ऑयल के डिपो से बाहर आते ही महज 200 मीटर चलने के बाद टैंकर सुनसान कच्चे रास्ते की तरफ ले जाकर झाड़ियों की आड़ में रोक दिया।

वहां पहले से मौजूद अपने साथी के साथ पाइप डालकर टैंकर का पेट्रोल पानी की मोटर की मदद से वहां पड़े ड्रम में भरने लगा। वहीं पर मिलावटी तेल का एक दूसरा ड्रम भी पड़ा था। जितना तेल निकला, उतना ही मिलावटी तेल वापस भर दिया, ताकि माप बराबर आए।

पेट्रोल चोरी के खेल को इस एक तस्वीर से समझ सकते हैं। पानी की मोटर लगाकर गैंग के लोग टैंकर से असली पेट्रोल ड्रमों में भर लेते हैं। इसके बाद दूसरे ड्रमों में भरा मिलावटी तेल पानी की मोटर से ही टैंकर में भर देते हैं।

पेट्रोल चोरी के खेल को इस एक तस्वीर से समझ सकते हैं। पानी की मोटर लगाकर गैंग के लोग टैंकर से असली पेट्रोल ड्रमों में भर लेते हैं। इसके बाद दूसरे ड्रमों में भरा मिलावटी तेल पानी की मोटर से ही टैंकर में भर देते हैं।

हाईवे पर बने वर्कशॉप और किराणा स्टोर पर बोतलों में बिकता है चोरी का पेट्रोल

गैंग के बदमाश टैंकरों से चुराया पेट्रोल-डीजल ड्रमों में भरकर 60 रुपए लीटर में हाईवे पर बने वर्कशॉप और किराणा स्टोर को बेच देते हैं। बाद में इन वर्कशॉप और किराणा स्टोर पर बोतलों में भरकर डीजल 80-85 और पेट्रोल 90 से 100 रुपए में बिकता है।

जोधपुर के सालावास से बोरानाड़ा तक एक दर्जन से ज्यादा किराणा स्टोर और वर्कशॉप पर खुलेआम बोतलों में पेट्रोल-डीजल बिक रहा है। रिपोर्टर ने यहां 2 दुकानदारों से बात की…

किराणा की दुकान वाले, जो पेट्रोल बेच रहे थे।

किराणा की दुकान वाले, जो पेट्रोल बेच रहे थे।

सालावास में पेट्रोल-डीजल बेचने वाला दुकानदार

रिपोर्टर : पेट्रोल भरवाना है।

दुकानदार : कितना?

रिपोर्टर : एक लीटर! क्या रेट लगेगी?

दुकानदार : 100 रुपए लगेंगे।

रिपोर्टर : दूसरे तो 90 में दे रहे हैं।

दुकानदार : 90 में मिलावटी मिलेगा। हम 100 रुपए में ओरिजिनल देंगे।

सांगरिया महालक्ष्मी किराणा स्टोर

रिपोर्टर : 1 लीटर पेट्रोल चाहिए।

दुकानदार : वहां बोतलें पड़ी हैं। उठा लो।

रिपोर्टर : कितने रुपए हुए?

दुकानदार : 1 लीटर के 90 रुपए दे दो।

किराणा की दुकानों से इस तरह बोतल से पेट्रोल बाइक में डाल दिया जाता है।

किराणा की दुकानों से इस तरह बोतल से पेट्रोल बाइक में डाल दिया जाता है।

तेल कंपनियां बोलीं- रास्ते में होती है बदमाशी जोधपुर के सालावास स्थित इंडियन ऑयल डीपो के डीजीएम विकास जेना ने बताया कि टैंकर ड्राइवर डिपो से निकलने के बाद रास्ते में बदमाशी करते हैं। टैंकर की सील से छेड़खानी नहीं हो और तेल चोरी को रोकने के लिए हम सील में एडवांस तकनीक से बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा तेल चोरी की शिकायत मिलने पर हम टैंकर ड्राइवर को हमेशा के लिए बैन कर करते हैं। तेल चोरी में डिपो के किसी भी कर्मचारी और अधिकारी की मिलीभगत नहीं होती है। यह बहुत पहले होता था। लेकिन बाद में कार्रवाई करके इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया।

जोधपुर में एचपीसील डिपो मैनेजर हिमांशु मीणा ने बताया कि टैंकर पर सील और जीपीएस लोकेशन जैसी तकनीक से टैंकर से तेल चोरी को रोका जाता है। फिर भी अगर कोई तेल चोरी की शिकायत मिलने पर हम कार्रवाई करते हैं।

विशेष सहयोग : विजय ओझा

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