अनूप उर्फ फैजल झज्जर के छुड़ानी गांव का रहने वाला था।-फाइल
झज्जर का रहने वाला अनूप उस वक्त महज 5 साल का था, जब उसकी मां ने ही 2 लोगों से मिलकर उसके पिता महावीर की हत्या करा दी। अनूप और उसके भाई-बहन को मौसी दिल्ली ले गई। भाई बहन ने पढ़ाई की लेकिन अनूप दिल में बदले की आग लिए स्कूल छोड़ गांव लौट आया।
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इसके बाद उसके पिता के कातिलों को 20 साल की उम्रकैद हुई। जब वे सजा काटकर आए तो अनूप ने उनमें से एक कातिल को मार दिया जबकि दूसरा बाल-बाल बच गया। 14 मार्च की सुबह हरियाणा पुलिस ने कैथल में एनकाउंटर के दौरान अनूप को ढेर कर दिया। जिसके बाद उसके पिता के कत्ल का बदला लेने के लिए क्रिमिनल बनने की पूरी कहानी सामने आई है….
2002 में हुई पिता की हत्या, मां भी साजिश में शामिल अनूप झज्जर के गांव छुड़ानी का रहने वाला था। साल 2002 में उसके पिता महावीर की हत्या कर दी गई। उस वक्त परिवार में अनूप के अलावा उसके 2 छोटे भाई-बहन थे। इस मामले की जांच हुई तो पता चला कि उसके पिता को गांव के ही हवा सिंह और रवि ने मारा। कत्ल की साजिश में उसकी मां भी शामिल थी। अनूप 5 साल का था लेकिन पिता के हत्या की बात उसके अंदर पूरी तरह से बैठ गई।
मौसी दिल्ली ले गई, स्कूल छोड़ ताई के पास आ गया पिता की हत्या हो गई। मां उनके कत्ल केस में जेल चली गई। 2 भाई और एक बहन को देखने वाला कोई नहीं था तो मौसी तीनों को दिल्ली अपने साथ ले गई। वहां उनका स्कूल में दाखिला करा दिया। भाई–बहन तो वहां पढ़ने लगे लेकिन अनूप वहां नहीं टिक पाया। उसने तीसरी कक्षा तक दिल्ली पढ़ाई की और फिर ताई के साथ गांव लौट आया। फिर यहां उसने 10वीं तक पढ़ाई भी की।

इस तस्वीर में अनूप उर्फ फैजल (संतरी रंग की टीशर्ट) अपने दोस्त के साथ खड़ा हुआ है।
बदला लेने के लिए गैंग से जुड़ गया अनूप ने जिंदगी का मकसद पिता की हत्या का बदला लेना बना लिया था। इसलिए 10वीं की पढ़ाई के बाद वह बदमाशी करने लगा। इस दौरान उस पर धमकी, लूट और डकैती जैसे कई केस दर्ज होते चले गए। यहां तक कि पुलिस को उसे 5 हजार का इनामी बदमाश भी घोषित करना पड़ा। इसके बाद उस पर कितने ही केस होते चले गए। अनूप उर्फ फैजल पर हरियाणा और दिल्ली में करीब 8 मामले दर्ज थे। 2015 में झज्जर पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में वह टांग में गोली लगने से घायल हुआ था। वह लगातार पुलिस से बचता आ रहा था।
मिप्पा नरड़-हजवाना गैंग से जुड़ गया क्राइम करते हुए वह संदीप उर्फ मिप्पा नरड़ और जोगा हजवाना की गैंग से जुड़ गया। पिता के कत्ल का बदला लेने के लिए वह लगातार अपराध की दुनिया में खुद को मजबूत करता चला गया। इस दौरान वह पुलिस की वांटेड लिस्ट में भी आ गया। जिसके बाद वह उत्तर प्रदेश में फैजल के नाम से छुपकर रहने लगा।
इस गैंग का सरगना जोगा सिंह हरियाणा के हजवाना गांव का रहने वाला है, जो फिलहाल विदेश में बैठकर फिरौती और आपराधिक गतिविधियों को संचालित कर रहा है। गिरोह का एक अन्य सदस्य मिप्पा नरड़ भी विदेश भाग चुका है। इस गैंग के 2 अन्य युवक कैथल के पाई और करोड़ गांव के रहने वाले हैं।

कातिल सजा काटकर लौटे, मौका पाते ही फायरिंग की पिता का कत्ल करने वाले हवा सिंह और रवि 20 साल कैद काटकर जेल से बाहर आ गए। इसी बीच उसकी मां की बीमारी की वजह से मौत हो चुकी थी। इसके बाद अनूप ने हवा सिंह और रवि की हत्या की प्लानिंग की। पहले उसने दोनों को धमकी दी। इसके बाद जब अनूप तिहाड़ जेल से बाहर आया तो 18 जनवरी 2025 को उसने साथी के साथ मिलकर झज्जर में इन दोनों पर हमला कर दिया। इसमें रवि तो बच गया लेकिन हवा सिंह को 2 गोलियां लगीं। रोहतक PGI में इलाज के बाद उसने 8 फरवरी को दम तोड़ दिया।

ये तस्वीर हवा सिंह की है। अनूप ने इसे 18 फरवरी को गोलियां मारी थीं। 8 फरवरी को हवा सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
BJP नेता की हत्या करने जाते वक्त पुलिस ने घेरा, क्रॉस फायरिंग में ढेर कैथल पुलिस को इनपुट मिला था कि झज्जर के शूटर अनूप उर्फ फैजल ने 7 मार्च को पुंडरी के BJP नेता विनोद बंसल और उनके भाई बलराज बंसल से 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी। अनूप ने धमकी दी थी कि अगर पैसे नहीं मिले तो होली नहीं मनाने देंगे। 13 मार्च को फैजल हत्या करने के लिए कैथल आया।

14 मार्च को राजौंद में जींद रोड पर पुलिस ने अनूप उर्फ फैजल का एनकाउंटर किया था। फैजल बाइक पर जा रहा था।
कैथल की स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट टीम को उसकी राजौंद एरिया में मौजूदगी की सूचना मिली। जिसके बाद पुलिस ने उसे घेर लिया। खुद को बचाने के लिए उसने पुलिस पर 10 से 12 राउंड फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन जवाबी कार्रवाई में उसे गोली लग गई। पुलिस कार्रवाई के बाद उसे झज्जर लाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।