नई दिल्ली2 दिन पहले
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PM मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोभाल, CDS और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 10 मई को मीटिंग की थी।
भारतीय सेना आतंकवाद और नई तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए ‘नया युद्ध सिद्धांत’ अपनाने की तैयारी में है। दरअसल, दशकों से सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद से लड़ाई और हाल के ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक इसका आधार बनेंगे।
नए युद्ध सिद्धांत में दर्ज होगा कि आतंकी हमले देश के खिलाफ युद्ध हैं। नॉन स्टेट एक्टर्स की आड़ में आतंक को ‘स्टेट पॉलिसी’ के तौर पर इस्तेमाल करने वालों से निपटने के लिए सैन्यबल 24 घंटे तैयार रहेंगे। ऐसी आक्रामक रणनीति नई युद्ध नीति का आधार होगी। सैन्य मामलों का विभाग नए युद्ध सिद्धांत के तमाम पहलुओं पर काम कर रहा है।
नए सिद्धांत में ‘सामरिक संयम’ की जगह ‘प्रोएक्टिव डेटेरेंस’, ‘प्रिएम्टिव स्ट्राइक्स’ और ‘प्रिवेंटिव कार्रवाई’ पर जोर रहेगा। इनका मतलब है कि दुश्मन को पहले ही डराकर रोकना, खतरा दिखे तो हमला करना और भविष्य के खतरों से पहले ही निपटना।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की निगरानी में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। शुरुआत में सेना ने एक फ्यूचर वॉरफेयर एनालिसिस ग्रुप बनाया है, जो युद्ध के तौर-तरीकों का अध्ययन करेगा। इस ग्रुप की सिफारिश पर नया ट्रेनिंग सिस्टम, सैन्य बलों के आधुनिकीकरण, खरीदारी और ऑपरेशनल प्लानिंग तय की जाएगी।

अब सुपर और हाइपर सोनिक हुए हथियार… सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने शांगरीला डायलॉग में उन सामरिक बदलावों का जिक्र किया था, जिनकी वजह से नई युद्ध रणनीति जरूरी है। इसके तहत 3 बदलाव होंगे।
- वेपन सिस्टम्स सब-सोनिक से सुपर और हाइपर-सोनिक हो गए। स्टेल्थ टेक्नोलॉजी ने वार व बचने की कला को नई परिभाषा दी है।
- एआई, मशीन लर्निंग और लार्ज लैंग्वेज मॉडल्स से निर्णय लेने की क्षमता में तेजी आई है। वारफेयर का इंटेलीजेसन हुआ है।
- जमीन, हवा और समुद्र में सेंसर टैक्नोलॉजी परिपक्व होने से रणक्षेत्र प्रतिद्वंद्वी सेनाओं के लिए पारदर्शी हो गया है। दोनों पक्षों के पास पूरी जानकारी रहती है।
ऑपरेशन सिंदूर से सबक लेकर रणनीति में किए बदलाव
- सेना टेक्नोलॉजी संचालित कार्रवाई पर खास ध्यान देगी। आमने-सामने की लड़ाई कम हो।
- आक्रमण के लिए स्कैल्प, हैमर और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों और डिफेंस के लिए आकाश और स्काई स्ट्राइकर जैसे ड्रोंस का जखीरा बढ़ाया जाएगा।
- तैयारी ऐसी होगी कि दुश्मन आकलन न कर पाए कि किस उकसावे का कितना जवाब देंगे। ऑपरेशन सिंदूर में भी यही रणनीति अपनाई थी।
- जनमत पक्ष में रखने के लिए दुष्प्रचार तत्काल बंद करना और सही सूचना से सही नैरेटिव बनाना जरूरी है। नए युद्ध सिद्धांत में मीडिया वारफेयर में अहम कड़ी रहेगा।
26 जुलाईः आर्मी चीफ बोले- आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा

आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने द्रास में कारगिल विजय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान को सीधा संदेश था कि आतंकवाद के समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले का जवाब भी था, जो पूरे देश को गहरा घाव दे गया था। इस बार भारत ने हादसे पर शोक तो व्यक्त किया ही, साथ ही करारा जवाब भी दिया।
जनरल द्विवेदी ने ये बातें लद्दाख के द्रास में कारगिल विजय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा- दुश्मन को जवाब देना अब न्यू नॉर्मल है।
कारगिल विजय दिवस के 26 साल पूरे होने पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी दिल्ली के नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे। उनके साथ तीनों सेना प्रमुख भी मौजूद रहे। राजनाथ ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। पूरी खबर पढ़ें…
पहलगाम हमले का जवाब था ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था। दोनों देशों के बीच 10 मई की शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी थी।

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डिप्टी आर्मी चीफ बोले-ऑपरेशन सिंदूर में 3 दुश्मनों से लड़े: पाकिस्तान को चीन ने हथियार और लाइव डेटा दिया, तुर्किए ने ड्रोन मुहैया कराए

डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के वक्त बॉर्डर एक और दुश्मन तीन थे। पाकिस्तान मोर्चे पर था। चीन और तुर्किए हथियार और बाकी दूसरे सपोर्ट मुहैया करा रहे थे। राहुल ने कहा- चीन ने पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया। चीन हमारे हर रणनीतिक कदम की लाइव अपडेट पाकिस्तान के साथ शेयर कर रहा था। पूरी खबर पढ़ें…