पंजाब में प्रधानमंत्री सड़क योजना के प्रोजेक्टों पर केंद्र ने ब्रेक लगाई।
केंद्र सरकार ने पंजाब के प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत करीब 800 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट रद्द कर दिए हैं। योजना के तहत राज्य में 64 सड़कें बननी थीं, जबकि 38 नए पुल बनाए जाने थे। इन सड़कों की कुल लंबाई 628.48 किलोमीटर बनती है।
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वहीं, इस मामले में पंजाब सरकार की तरफ से केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा गया है, साथ ही इन प्रोजेक्टों को जल्दी मंजूरी देने की मांग की गई है। सरकार का कहना है कि इस वजह से आम लोगों को दिक्कत आएगी।
31 मार्च को केंद्र से मिली मंजूरी
पंजाब सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत वातावरण अनुकूल नई टेक्नोलॉजी एफडीआर के तहत 64 सड़कें अपग्रेड करनी थीं। वहीं, 15 मीटर से अधिक लंबाई के 38 पुल बनाए जाने थे। केंद्र सरकार ने 31 मार्च को इन सड़कों व पुलों के प्रोजेक्ट की मंजूरी दी थी। पर अब केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि जिन प्रोजेक्टों के कामों का टेंडर नहीं हुआ या प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुए हैं, उन्हें ड्रॉप किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान।
सलाहकार कंपनी नहीं मिल रही है
पंजाब सरकार के सचिव रवि भगत ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर उपरोक्त कामों की मंजूरी मांगी है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि काम प्रक्रिया के अधीन है, बारिश का मौसम हटते ही काम शुरू हो जाएगा। सड़कों व पुलों को नई टेक्नोलॉजी से बनना है।
बहुत कम फर्मों को इस टेक्नोलॉजी का अनुभव है। सलाहकार फर्म हायर करने के लिए कई बार टेंडर किए गए हैं। इस तरह काम न रोका जाए। उन्होंने भरोसा दिया है कि 31 मार्च 2026 तक सारा काम पूरा कर लिया जाएगा।
बॉर्डर एरिया में है अधिकतर सड़कें
जिन सड़कों के काम रोके गए हैं, उन जिलों में ज्यादातर सड़कें बॉर्डर एरिया की हैं। इन सड़कों में पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर और तरनतारन की सड़कें हैं, जिनका काम इस दौरान प्रभावित होगा। याद रहे कि इससे पहले सरकार ने पंजाब के ग्रामीण विकास फंड के 7000 करोड़ रुपए रोके थे।

एफडीआर तकनीक से सड़कें बनाई जानी है। (फाइल फोटो)
क्या एफडीआर तकनीक एफडीआर तकनीक का पूरा नाम “फुल डेप्थ रिक्लेमेशन” (Full Depth Reclamation) है। यह सड़क निर्माण की एक आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल विधि है, जिसमें पुरानी सड़क की गिट्टी और अन्य सामग्री को उखाड़कर, उसे ही रिसाइकिल करके, केमिकल और सीमेंट के साथ मिलाकर दोबारा नई सड़क बनाई जाती है।